
नई दिल्ली, 14 अप्रैल। कृतज्ञ राष्ट्र आज बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को याद कर रहा है। डॉ. आंबेडकर की 135वीं जयंती का समारोह संसद भवन लॉन के प्रेरणा स्थल पर सुबह केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तत्वावधान में डॉ. आंबेडकर फाउंडेशन के सहयोग आयोजित किया है। समारोह की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष, अन्य मंत्रियों, सांसदों और विद्वानों, छात्रों एवं आम जनता सहित अन्य आमंत्रित अतिथियों के पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ होगी।
इसके बाद यह कार्यक्रम दोपहर 12:00 बजे तक जनता के लिए खुला रहेगा। डॉ. आंबेडकर फाउंडेशन उन लोगों की सहायता करेगा, जो बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। आम जनता को अलीपुर रोड स्थित डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक तक ले जाने के लिए फाउंडेशन ने विशेष बसों का इंतजाम किया है।
डॉ. आंबेडकर फाउंडेशन विचारों का करता है प्रसार
डॉ. आंबेडकर फाउंडेशन का गठन बाबा साहेब के संदेश और विचारधाराका प्रसार करने के लिए किया गया था। 1991 में बाबासाहेब की शताब्दी समारोह समिति का गठन किया गया और इसकी अध्यक्षता तत्कालीन प्रधानमंत्री ने की थी। इस समिति ने फाउंडेशन की स्थापना करने का निर्णय लिया। 24 मार्च, 1992 को स्वायत्त निकाय डॉ. आंबेडकर फाउंडेशन की स्थापना केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तत्वावधान में की गई। इसका उद्देश्य अखिल भारतीय स्तर पर बाबासाहेब के विचारों और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित करना था।
डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक में संजोयी गई हैं यादें
डॉ . आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक बाबा साहेब के जीवन, कार्य और योगदान को संरक्षित करने और प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है। डॉ. बीआर आंबेडकर प्रसिद्ध समाज सुधारक, वक्ता, प्रख्यात लेखक, इतिहासकार, न्यायविद, मानव विज्ञानी और राजनीतिज्ञ थे। संग्रहालय में डॉ. आंबेडकर के जीवन से संबंधित व्यक्तिगत सामान, तस्वीरें, पत्र और दस्तावेजों का संग्रह है। इसमें उनकी शिक्षा, सामाजिक सुधार आंदोलन और राजनीतिक करियर शामिल हैं। उनके भाषणों और साक्षात्कारों को दिखाने के लिए ऑडियो-विजुअल की व्यवस्था है।