जयपुर, 01 नवंबर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को राजभवन में आठ राज्यों छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी के स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए वहां के लोगों से संवाद किया।
मिश्र ने कहा कि यह सभी प्रदेश अनेकता में एकता की भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं। उन्होंने राजभवन में बड़ी संख्या में उपस्थित इन प्रदेशों के लोगों से संवाद करते हुए समरसता बनाए रखते हुए भाईचारे और सद्भाव के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखण्डता ही सबसे पहले है। इसी के लिए सबको मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
आठ राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों ने राज्यपाल का राजभवन में उनके प्रदेशों का स्थापना दिवस बनाने और उन्हें बुलाकर संवाद करने के लिए आभार जताया।
मिश्र ने कहा कि आज का दिन इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है कि केन्द्र सरकार के स्तर पर विभिन्न राज्यों का भाषा के आधार पर पुनर्गठन करने का आज ही के दिन फैसला लिया गया था। उन्होंने राज्यवार वहां की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विशेषताओं की चर्चा करते हुए कहा कि हर प्रदेश ने अखंड भारत के निर्माण में महती भूमिका निभाई है।
उन्होंने सभी प्रदेशों के निवासियों को भाईचारे की भारतीय संस्कृति को बनाए रखते हुए सामूहिक रूप में देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सभी प्रदेशों के इतिहास, संस्कृति और कलाओं के साथ जन—जीवन से जुड़े संदर्भ हमें हमारी विरासत से जोड़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि भारत इसीलिए विश्व भर में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है कि यहां विविधता में अनूठी एकता है। भाषा, रहन—सहन, खान—पान अलग—अलग होते हुए भी सभी राज्यों की संस्कृति में अपनापा है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमारा देश ‘एक भारत—श्रेष्ठ भारत’ की विश्व भर में अनूठी मिसाल है।