जयपुर, 29 मार्च। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान दिवस (30 मार्च) पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान स्थापना दिवस मात्र एक दिवस नहीं है। यह दिवस सद्भाव की हमारी संस्कृति को सहेजने का है। संकल्पित होकर राजस्थान के सर्वांगीण विकास में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने का है। राजस्थान दिवस पर प्रदेश के चहुंमुखी विकास का संकल्प लेते हुए इसे देश का अग्रणी राज्य बनाने में सभी जन सहभागी बनें।
मिश्र ने राजस्थान दिवस पर जारी अपने संदेश में कहा है कि ‘राजस्थान’ नाम ही मन में गौरव की अनुभूति कराने वाला है। भक्ति और शक्ति का संगम यह वह प्रदेश है जहां के कण-कण में त्याग, तपस्या और बलिदान की गाथाएं समाहित है। उन्होंने कहा कि राजस्थान महाराणा प्रताप की शौर्य धरा है। मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व दान करने वाले भामाशाह की यह भूमि है। पन्नाधाय के त्याग और बलिदान की अनूठी गाथा अपने में संजोए यह धरती रामदेवजी, गोगाजी, मां करणी जैसे लोक देवी-देवताओं और मीरा, दादू, संत पीपा जैसे संत-महात्माओं की पुण्य धरा है। यह वह वीर भूमि है, जहां स्वतंत्रता का बीज कभी मुरझाया नहीं।