कोलकाता, 3 अगस्त। ताजपुर में समुद्र के किनारे वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनी दुकानों और घरों को हटाने के अभियान में मंत्री और सरकारी अधिकारियों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया। यह मामला शनिवार दोपहर तब और गरमा गया जब राज्य के कारा मंत्री और रामनगर के विधायक अख़िल गिरी और वन विभाग की अधिकारी मौमिता साव के बीच तीखी बहस हो गई।

वन विभाग का आरोप है कि समुद्र के किनारे उनकी जमीन पर पहले से कुछ दुकानें थीं, जो समुद्र के पानी में डूब गईं। शुक्रवार रात व्यापारियों ने नई दुकानें बनानी शुरू कर दीं, जिस पर वन विभाग ने आपत्ति जताई। इस बीच विधायक अख़िल गिरी मौके पर पहुंचे और अवैध निर्माण का समर्थन किया। जब वन विभाग के अधिकारी ने रोकने की कोशिश की, तो उन्हें धमकाया गया।

मंत्री अख़िल गिरी ने कहा कि समुद्र के किनारे की दुकानों को प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान हुआ है और अस्थायी रूप से इन दुकानों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने वन विभाग पर आरोप लगाया कि अधिकारियों ने शुक्रवार रात को दुकानों के बांस के खंभे काट दिए। गिरी ने कहा कि वन विभाग गरीब लोगों के पेट पर लात मार रहा है और अगर बेदखल किया गया तो विरोध होगा।

इस घटना पर वन विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के बाद राज्य भर में अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चल रहा है। सरकारी जमीन पर से अवैध हॉकर्स को हटाया जा रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारियों को कई जगहों पर स्थानीय नेताओं और मंत्रियों का विरोध झेलना पड़ रहा है।