कोलकाता, 07 नवंबर । पश्चिम बंगाल राज्य में कई सरकारी दफ्तर और नगरपालिकाएं समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रही हैं, जिसके चलते राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने अब ‘प्री-पेड मीटर’ लगाने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि सरकारी दफ्तरों पर करीब एक हजार करोड़ रुपये के बिजली बिल बकाया है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने ‘पहले भुगतान, फिर बिजली’ के आधार पर प्री-पेड मीटर लगाने का निर्देश जारी किया है, जिस पर नवान्न ने भी सहमति जताई है।
राज्य के वित्त विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की, जिसमें सभी सरकारी दफ्तरों में प्री-पेड मीटर लगाने का निर्देश दिया गया है। इसके अनुसार, अब सरकारी दफ्तरों को मोबाइल की तरह अपने बिजली मीटर को रिचार्ज करना होगा। जब पहले से जमा किया गया बैलेंस खत्म हो जाएगा, तो बिजली आपूर्ति स्वत: ही रुक जाएगी।
वित्त विभाग की ओर से 28 अक्टूबर को जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी सरकारी दफ्तरों को अपने मासिक बिजली खर्च को पहले से रिचार्ज कराना होगा। इसके लिए ट्रेजरी से अग्रिम राशि भी दी जाएगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि इस राशि का उपयोग पुराने बकाया की अदायगी के लिए नहीं किया जा सकेगा।
पहले भी उठाए गए कदम
यह कोई नई पहल नहीं है। केंद्रीय सरकार ने पहले चरण में सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने का निर्देश दिया था, जिसके तहत 2023 के अंत तक स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य पूरा होना था। हालांकि, बंगाल समेत कई राज्यों में इस फैसले का विरोध हुआ और प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने इस विषय पर राज्य विद्युत नियामक आयोग से संपर्क किया, जिसने कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके तहत, यदि कोई सरकारी दफ्तर पोस्ट-पेड से प्री-पेड सिस्टम में बदलना चाहता है, तो उसे 10 दिनों के भीतर बकाया चुकाने पर चार प्रतिशत की छूट मिलेगी।
सरकार की योजना न केवल सरकारी दफ्तरों तक सीमित रहेगी, बल्कि धीरे-धीरे इसे व्यापारिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं तथा बड़े शहरों के निवासियों तक भी लागू किया जाएगा। पहले चरण में पांच से 50 किलोवाट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके बाद नगरपालिकाओं और पंचायतों में भी प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे।
50 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अनुसार, पहले चरण में करीब ढाई लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। यह प्रक्रिया 2025 तक 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के लक्ष्य के साथ पूरी करने की योजना है।
केंद्र सरकार ने देश भर में स्मार्ट मीटर और प्री-पेड सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य बिजली की बर्बादी रोकना और समय पर बिल न चुकाने की प्रवृत्ति को समाप्त करना है। एक अधिकारी के अनुसार, राज्य में आम जनता की तुलना में सरकारी दफ्तरों पर बकाया कहीं अधिक है।