नई दिल्ली, 16 जनवरी। केंद्र सरकार ने शराब उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाले गन्ने के सह-उत्पाद शीरा के निर्यात पर 50 फीसदी का शुल्क लगा दिया है। यह शुल्क 18 जनवरी से लागू होगा।

वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक शीरा के निर्यात पर 50 फीसदी का शुल्क लगाया गया है। यह शुल्क 18 जनवरी से प्रभावी होगा। इस कदम का मकसद घरेलू शराब भट्टियों के लिए शीरा की उपलब्धता को बढ़ावा देना और पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने में मदद करना है। इसके अलावा चालू सीजन में चीनी उत्पादन में गिरावट पर नियंत्रण पाना है।

मंत्रालय की एक अन्य अधिसूचना के मुताबिक कच्चे और परिष्कृत खाद्य तेलों पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी ऑयल के आयात पर मौजूदा रियायती शुल्क दरों को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन ऑयल और सूरजमुखी ऑयल पर मूल आयात शुल्क को पिछले साल जून में 17.5 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया था। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम ऑयल का आयात करता है।

सरकार का लक्ष्य चालू चीनी विपणन वर्ष 2023-24 में पेट्रोल के साथ 15 फीसदी इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करना है। इसके लिए 690 लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी। इथेनॉल के बिना चालू चीनी सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन घटकर 323-330 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले चीनी सीजन में 3.73 करोड़ टन रहा था। इसके साथ ही भारत वियतनाम, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड और फिलीपींस को शीरा का निर्यात करता है। वहीं, देश के तीन प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात शीरा का निर्यात करते हैं।