
हावड़ा, 24 जून । हावड़ा ज़िले के गोलाबाड़ी थाना क्षेत्र में एक मज़दूर के अपहरण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बिहार के बेगूसराय से रोज़गार के नाम पर लाए गए एक मज़दूर का अपहरण कर उससे एक लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। हालांकि पुलिस की तत्परता से महज़ पांच घंटे में पीड़ित को छुड़ा लिया गया और चारों आरोपितों को गिरफ़्तार कर लिया गया।
मंगलवार शाम हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि घटना 24 जून की रात क़रीब 12:30 बजे घटी, जब रविश कुमार नामक युवक ने गोलाबाड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसके साथी मज़दूर का अपहरण कर लिया गया है और अपहर्ता परिवार से एक लाख रुपये की फिरौती मांग रहे हैं। शिकायत मिलते ही गोलाबाड़ी थाने में मामला (केस नंबर 218/25) दर्ज कर लिया गया और तत्काल जांच शुरू की गई।
पुलिस टीम ने सबसे पहले पीड़ित का आख़िरी मोबाइल लोकेशन ट्रैक किया, जो पंचशायर थाना क्षेत्र में मिला। इसके बाद रातभर तलाशी अभियान चलाया गया। गोलाबाड़ी से लेकर पंचशायर तक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने पीड़ित को सकुशल बरामद कर लिया और चारों आरोपितों को गिरफ़्तार कर लिया। पूरी कार्रवाई लगभग पांच घंटे चली।
पुलिस के मुताबिक़ मुख्य आरोपित बिमलेश कुमार एक श्रमिक ठेकेदार है, जो पीड़ित सहित कई मज़दूरों को बिहार से रोज़गार दिलाने के नाम पर हावड़ा लाया था। बाकी मज़दूरों को हावड़ा स्टेशन पर उतारने के बाद वह पीड़ित को यह कहकर अपने साथ ले गया कि वह उसे काम की जगह दिखाएगा। लेकिन गरिया पहुंचने के बाद वह अपने तीन साथियों—मंजर आलम, जियारुल रहमान लश्कर और दीपजॉय बनर्जी—के साथ मिलकर पीड़ित को बंधक बना लिया और परिवार से फिरौती मांगने लगे।
गिरफ़्तार आरोपितों में बिमलेश कुमार, मंजर आलम, जियारुल रहमान लश्कर और दीपजॉय बनर्जी शामिल हैं। पुलिस ने इन्हें अदालत में पेश कर रिमांड ली है ताकि मामले की गहराई से तफ़्तीश की जा सके। शुरुआती जांच में सामने आया है कि फिरौती की रकम का भुगतान नहीं हुआ था और समय रहते पुलिस ने पीड़ित को मुक्त करा लिया।
हावड़ा के पुलिस कमिश्नर प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जांच अब भी जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इसी तरह की कोई और घटना आरोपितों द्वारा पहले भी अंजाम दी गई है।