
केन्द्रीय विद्युत मंत्री ने गोवा में की बिजली क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा
नई दिल्ली, 12 मई । केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पणजी में बिजली क्षेत्र की प्रगति की विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस दौरान विद्युत क्षेत्र के विकास के साथ ही हानि में कमी लाने की पहल और पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया। साथ ही कहा कि राज्य स्थानीय स्तर पर बिजली उत्पादन के लिए सभी संभावित रास्ते तलाश करे।
केंद्रीय विद्युत मंत्री ने इस अवसर पर सार्वभौमिक विद्युतीकरण और हानि में कमी लाने में राज्य के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि गोवा ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता के लिए दीर्घकालिक उपाय के रूप में परमाणु ऊर्जा सुविधा स्थापित करने की संभावना तलाश सकता है। बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने और सार्वभौमिक विद्युतीकरण प्राप्त करने में गोवा सरकार और बिजली विभाग के प्रभावी प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि गोवा ने एटीएंडसी घाटे को 9.32 फीसदी तक कम करने में अनुकरणीय प्रदर्शन दिखाया है जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। यह राज्य द्वारा अपनी बिजली वितरण प्रणाली की दक्षता में सुधार करने के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।
उन्होंने स्मार्ट मीटर लगाने की गति को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिसमें डेटा एनालिटिक्स और एआई-एमएल टूल्स के माध्यम से डिस्कॉम के साथ उपभोक्ता जुड़ाव में क्रांतिकारी बदलाव की क्षमता है। अब जबकि अनुबंध दिए जा चुके हैं तो मुझे विश्वास है कि कार्यान्वयन में तेजी आएगी। सरकारी कार्यालयों, कॉलोनियों, वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयों तथा उच्च-लोड उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटर लगाने को प्राथमिकता देने से डिजिटलीकरण और बेहतर सेवा वितरण सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। परिचालन दक्षता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने राज्य के उपयोगिता घाटे को और कम करने तथा ग्रिड में अधिक नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मनोहर लाल ने उल्लेख किया कि इससे बिजली आपूर्ति की लागत कम करने तथा समग्र प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने तथा नए बिजली कनेक्शन के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने में गोवा के नागरिक-केंद्रित प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने राज्य को ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता के लिए दीर्घकालिक उपाय के रूप में परमाणु ऊर्जा सुविधा स्थापित करने की संभावना पर विचार करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। दरअसल गोवा की लगभग 80 फीसदी बिजली राज्य के बाहर से खरीदी जाती है। ये बैठक इस आश्वासन के साथ समाप्त हुई कि ऊर्जा मंत्रालय राज्य को उसके ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूर्ण सहायता प्रदान करेगा।