पूर्वी सिंहभूम, 13 अक्टूबर । झारखंड के 45-घाटशिला (अनुसूचित जनजाति सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव को लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गई, जिसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया औपचारिक रूप से प्रारंभ हो गई।

समाहरणालय सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में जिला निर्वाचन पदाधिकारी कर्ण सत्यार्थी ने उपचुनाव की पूरी प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी अनुमंडल कार्यालय, घाटशिला से पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक नामांकन प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं। इस उपचुनाव के लिए घाटशिला अनुमंडल पदाधिकारी सुनील चंद्र को निर्वाची पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।

नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर 2025, नामांकन पत्रों की जांच 22 अक्टूबर, और नाम वापसी की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर निर्धारित की गई है। मतदान 11 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक तथा मतगणना 14 नवंबर 2025 को होगी।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि छह अक्टूबर को उपचुनाव की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

मतदाताओं की सुविधा के लिए निर्वाचन आयोग ने ईवीएम पर सुधार किए हैं — अब मशीन पर उम्मीदवारों की रंगीन फोटो, नाम और क्रम संख्या बड़े अक्षरों में प्रदर्शित होंगे।

स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए कई गतिविधियां चलाई जा रही हैं ताकि मतदान प्रतिशत में वृद्धि हो सके। जिले की सभी अंतरराज्यीय व अंतरजिला चेक नाकाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि अवैध शराब, नकद राशि, उपहार या मादक पदार्थों का परिवहन रोका जा सके।

दिव्यांग और वरिष्ठ मतदाताओं के लिए होम वोटिंग, मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर, रैंप, वाहन सुविधा तथा वालंटियर की व्यवस्था की जाएगी। सोशल मीडिया सहित सभी मीडिया प्लेटफॉर्म पर आचार संहिता उल्लंघन पर प्रशासन की विशेष निगरानी रहेगी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने बताया कि घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में कुल 2.55 लाख मतदाता हैं, जिनमें 1.30 लाख महिलाएं शामिल हैं।

यह उपचुनाव पूर्व मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद कराया जा रहा है। 62 वर्षीय रामदास सोरेन का 15 अगस्त को नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।

उल्लेखनीय है कि रामदास सोरेन ने 2024 में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को हराकर तीसरी बार यह सीट जीती थी। उन्होंने पहली बार 2009 में जीत दर्ज की थी, जबकि 2014 में वे भाजपा के लक्ष्मण टुडू से हार गए थे, लेकिन 2019 में उन्होंने फिर विजय हासिल की थी।

इस बीच, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ही दल उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियों में जुटे हैं और इस सप्ताह अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकते हैं।