हुगली, 28 मई। घाटाल मास्टर प्लान को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं। लेकिन अगर आरामबाग महकमा को छोड़कर घाटाल मास्टर प्लान लागू किया गया तो आरामबाग में तबाही मच जाएगी। इस आशंका को व्यक्त करते हुए स्थानीय निवासियों ने ‘खानाकुल बचाओ सोसाइटी’ के बैनर तले आरामबाग महकमे को घाटाल मास्टर प्लान में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है। उनका कहना है कि अगर आरामबाग को छोड़कर घाटाल मास्टर प्लान लागू किया गया तो घाटाल तो बच जाएगा लेकिन आरामबाग के लोगों को भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ेगा।

घाटाल मास्टर प्लान के लिए राज्य सरकार ने 500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। लेकिन बाढ़ प्रभावित आरामबाग महकमे का नाम मास्टर प्लान में नहीं है। आरामबाग महकमे को घाटाल मास्टर प्लान में शामिल करने की मांग को लेकर इलाके के लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। ‘खानाकुल बचाओ सोसाइटी’ के सदस्य खानाकुल में जन हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं। अलग-अलग इलाकों में छोटी-छोटी पथ सभाएं की जा रही हैं।

गोघाट और आरामबाग से होकर बहने वाली द्वारकेश्वर और घाटाल से बहने वाली शिलावती नदी खानाकुल के बंदरगाह-अनाज क्षेत्र में मिलकर रूपनारायण नदी का निर्माण करती हैं। दूसरी ओर, दामोदर की एक सहायक नदी मुंडेश्वरी खानाकुल के पंशिउली में रूपनारायण में विलीन हो जाती है। खानाकुल में कई नहरें भी रूपनारायण में विलीन हो जाती हैं। नतीजतन, जब रूपनारायण का जल स्तर बढ़ता है, तो ज्वार का पानी भी इन नहरों के माध्यम से खानकुल के विभिन्न इलाकों में प्रवेश करता है घाटाल की ओर से पानी का दबाव बढ़ने पर खानाकुल, आरामबाग और गोघाट के बड़े हिस्से की जल निकासी में दिक्कत आती है। पानी का दबाव रूपनारायण में होने के कारण गोघाट और आरामबाग का बाढ़ का पानी नीचे नहीं जा पाता। वहीं घाटाल में पानी के दबाव के कारण आरामबाग सब-डिवीजन का बड़ा हिस्सा अप्रत्यक्ष रूप से बाढ़ की चपेट में आ जाता है। 1980 के दशक में घाटाल मास्टर प्लान की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया था, जिसमें आरामबाग महकमे को भी शामिल किया गया।

आरामबाग महकमा को घाटाल मास्टर प्लान में शामिल नहीं किए जाने पर अब भाजपा मुखर हो गई है। गोघाट से भाजपा विधायक विश्वनाथ कारक ने आरामबाग महकमा को घाटाल मास्टर प्लान में शामिल किए जाने को लेकर विधानसभा में बार-बार चर्चा की मांग की थी। लेकिन आरोप है कि किसी ने उस मांग पर ध्यान नहीं दिया। खानाकुल से भाजपा विधायक सुशांत घोष ने भी इस मामले को लेकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि विधानसभा में बार-बार विरोध के बावजूद सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने घाटाल सांसद देव के साथ आरामबाग के कालीपुर स्टेडियम में प्रशासनिक बैठक से घाटाल मास्टर प्लान के क्रियान्वयन की रूपरेखा को लेकर प्रचार किया था। आरामबाग महकमे को घाटाल मास्टर प्लान में शामिल नहीं किए जाने से आम लोग नाराज हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि साल में तीन महीने उन्हें बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है। उनकी मांग है कि अगर आरामबाग को घाटाल मास्टर प्लान में शामिल नहीं किया जा सकता है तो सरकार को उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। पुरशुरा, आरामबाग, गोघाट और खानाकुल के ब्लॉक सामुदायिक विकास अधिकारी के कार्यालय में दशकों तक काम कर चुके सेवानिवृत्त इंजीनियर तरुण नंदी का दावा है कि आरामबाग महकमे के बिना घाटाल मास्टर प्लान संभव नहीं है। अगर आरामबाग महकमे के बिना मास्टर प्लान बनाया गया तो भविष्य में पूरे आरामबाग महकमे पर संकट आ जाएगा। इस संबंध में खानाकुल तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष रमेन प्रमाणिक ने कहा, केंद्र की भाजपा सरकार ने परियोजना का पैसा रोक रखा है। आंदोलनकारियों को खानाकुल विधायक के घर का घेराव कर विरोध करना चाहिए। आरामबाग में भी मास्टर प्लान बनेगा। निश्चिंत रहें।

आरामबाग तृणमूल सांसद मिताली बाग ने कहा, मैं यह नहीं कहूंगी कि घाटाल मास्टर प्लान लागू होने पर आरामबाग वंचित रह जाएगा। घाटाल मास्टर प्लान लागू होने के बाद आरामबाग के साथ भी कुछ जरूर होगा।