कोलकाता, 8 फरवरी।  कल्याणी के पटाखा कारखाने में विस्फोट के मामले में कारखाना मलिक खोकन विश्वास को गिरफ्तार किया गया है। यह पहली बार नहीं है जब वह गिरफ्तार हुआ है। सितंबर 2023 में पटाखा कारोबारी खोकन विश्वास को अवैध रूप से तेज आवाज वाले पटाखे बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। केवल सात दिन जेल में बिताने के बाद, उसे जमानत मिल गई और रिहा होते ही उसने फिर से अपने कारोबार को बढ़ाया। शुक्रवार को उसके इस अवैध कारखाने में हुए भीषण विस्फोट में चार महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, 2023 में जेल से रिहा होने के बाद खोकन ने अपने पटाखा कारखाने का विस्तार कर दिया था। यह कारखाना कल्याणी के 20 नंबर वार्ड के रथतला मोड़ पर स्थित था, जहां कई महिलाएं काम कर रही थीं। इनमें से अधिकतर महिलाएं घर चलाने के लिए जोखिम उठाकर वहां काम कर रही थीं। लेकिन इसी खतरनाक काम के चलते शुक्रवार को चार महिलाओं—दुर्गा साहा, बसंती चौधरी, रूमी सोनार और अंजलि विश्वास की जान चली गई।

कैसे चलता है अवैध पटाखा कारोबार?

यह पहली बार नहीं है जब खोकन जैसे कारोबारियों को अवैध पटाखे बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया हो। पुलिस का कहना है कि ऐसे व्यापारी कानून की कमजोरी का फायदा उठाकर बार-बार इसी कारोबार में लिप्त हो जाते हैं।

एक जांच अधिकारी ने बताया, “ये कारोबारी कानूनी खामियों को अच्छी तरह समझते हैं और इन्हीं का फायदा उठाकर बार-बार धंधा शुरू कर देते हैं।” पुलिस पूछताछ में खोकन ने भी यही बताया कि इस कारोबार में मुनाफा बहुत अधिक होता है और सख्त सजा न होने के कारण लोग बार-बार इस धंधे में आ जाते हैं।

कानूनी खामियां बनीं अवैध कारोबार का सहारा

स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध पटाखा कारखाने मुख्य रूप से दो वजहों से बंद नहीं होते—पहला, इस कारोबार में मुनाफा बहुत अधिक है और दूसरा, अगर पुलिस गिरफ्तार भी कर ले, तो सख्त सजा नहीं मिलती।

कई मामलों में पुलिस आरोपित के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत केस दर्ज करती है लेकिन अदालत में जब मामला पहुंचता है, तो कहा जाता है कि कारखाने से कोई बड़ा विस्फोटक बरामद नहीं हुआ या फिर आग एक दुर्घटना थी। ऐसे में आरोपित को अधिकतम 14 दिनों में जमानत मिल जाती है और फिर वह अपना कारोबार दोबारा शुरू कर देता है।

कानून के अनुसार क्या हैं पटाखा बनाने के नियम?

पटाखा बनाने के लिए तय मात्रा में विस्फोटक रखने की अनुमति सरकार से लेनी होती है।15 किलो तक पटाखा और विस्फोटक सामग्री रखने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति जरूरी होती है। 15 से 500 किलो के लिए ‘कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव’ से लाइसेंस लेना होता है। 500 किलो से अधिक मात्रा के लिए ‘चीफ कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव्स’ की अनुमति आवश्यक होती है।

इसके अलावा, पटाखा कारखानों को आबादी से दूर रखना होता है और कार्यस्थलों के बीच कम से कम 15 मीटर की दूरी होनी चाहिए। लेकिन कल्याणी के इस कारखाने में सुरक्षा नियमों की अनदेखी कर घनी आबादी के बीच अवैध रूप से पटाखे बनाए जा रहे थे।

कल्याणी विस्फोट मामले के बाद जिला पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस अधीक्षक सनी राज ने कहा, “गिरफ्तार आरोपित से गहन पूछताछ की जाएगी और कानून के तहत उसके खिलाफ सख्त से सख्त धाराएं लगाई जाएंगी। अवैध पटाखा कारोबार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”