
कोलकाता, 09 मई । सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के बीच कोलकाता में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सुरक्षा नियंत्रण संगठन (एससीओ) ने एक ऐसे परिवार के चार सदस्यों की पहचान की है, जिनके पास एक साथ भारतीय और बांग्लादेशी पासपोर्ट पाए गए हैं।
इन चारों के खिलाफ कोलकाता के एक थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और इन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पकड़े गए लोगों की पहचान विजय मोदी, उनकी पत्नी कासौल्या मोदी, और उनके दो बेटों दिलीप मोदी और आशीष मोदी के रूप में हुई है।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह परिवार वैध बांग्लादेशी वीजा पर भारत आया था और दक्षिण कोलकाता के पाम एवेन्यू इलाके में बस गया था। लेकिन वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद इन्होंने भारत में रहना जारी रखा। इस दौरान इन लोगों ने कथित रूप से फर्जी भारतीय दस्तावेज तैयार कराए, जिनमें आधार और मतदाता पहचान पत्र शामिल हैं। इन्हीं के आधार पर उन्होंने भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिए।
एससीओ को संदेह हुआ जब यह पाया गया कि वीजा समाप्त होने के बाद भी परिवार बांग्लादेश वापस नहीं गया। जांच में खुलासा हुआ कि परिवार फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारतीय नागरिक बनकर कोलकाता में रह रहा था।
इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में आज़ाद मलिक नामक एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो कोलकाता में फर्जी भारतीय दस्तावेजों के सहारे रह रहा था।
आरोप है कि आज़ाद हवाला रैकेट चलाने के साथ-साथ बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनवाने के नेटवर्क में भी शामिल था। जांच में यह सामने आया है कि आज़ाद, जिसका असली नाम पाकिस्तान में आज़ाद हुसैन है, ने पहले फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए बांग्लादेशी नागरिकता हासिल की और फिर अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर लिया।
भारत में उसने खुद को आज़ाद मलिक नाम से पेश किया और फर्जी मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और जन्म प्रमाण पत्रों के सहारे भारतीय पहचान दस्तावेज प्राप्त किए।
गिरफ्तारी के समय ईडी को उसके पास से दो फर्जी मतदाता पहचान पत्र, कई नकली ड्राइविंग लाइसेंस और चार जाली जन्म प्रमाण पत्र मिले। ईडी ने उसके नाम पर दर्ज एक बैंक खाते को भी फ्रीज़ कर दिया है, जिसमें 2.62 करोड़ रुपये की राशि पाई गई।