कोलकाता, 12 अप्रेल। लिलुआ आशापुरण गवरजा माता मंडली की आर से लिलुआ के पुष्करणा ब्रह्म बगीचा मे चार दिवसीय गणगौर उत्सव मनाया गया।

मंडली के संस्थापक बसंत कुमार पुरोहित ने बताया कि कोलकाता मे सार्वजनिक गणगौर उत्सव का इतिहास डेढ़ सौ वर्ष पुराना है। कोलकाता और इसके उपनगरों मे प्रवासी राजस्थानी समाज द्वारा विभिन्न मंडलियों के बैनर तले गणगौर उत्सव मनाया जाता है।  लिलुआ मे गणगौर उत्सव 14 वर्ष से मनाया जा रहा है।

मंत्री राजेंद्र पुरोहित ने बताया कि उद्घाटन समारोह मे लिलुआ महिला मण्डल की शतकाधिक सदस्यों ने पारंपरिक गण गौर गीत प्रस्तुत किये, अगले दिन कृष्ण सुदामा, शिव सती पर आधारित नृत्य नाटिकाओं का मंचन किया गया, तीसरे दिन गणगौर की शोभायात्रा निकली जो लिलुआ पिंजरपोल सोसाइटी की गौशाला के तालाब पर गई जहा पानी पिलाने की रस्म अदा की गई। तत्पश्चात शहर के विभिन्न अंचल मे गणगौर की खोल भराई की गई।

अध्यक्ष नृसिंह हर्ष ने बताया कि चार दिवसीय कार्यक्रम मे पुष्करणा ब्रह्म बगीचा टेम्पल ट्रस्ट के सचिव पंडित शिव किशन किराडू , समाज सेवी कामिनी तिवारी, विप्र फाउंडेशन के राज कुमार व्यास,स्वयम प्रकाश पुरोहित,  विकास मोहता , बसंत मोहता सहित कई गण मान्य अतिथि उपस्थित हुए।

समारोह का उद्घाटन समाजसेवी राधाकिशन हर्ष ने किया, कार्यक्रम का संचालन लोकेश मोहता ने किया कार्यक्रम को सफल बनाने मे लिलुआ महिला मण्डल की पूरी टीम, मंडली के बद्री दास व्यास, घनश्याम व्यास, अशोक व्यास, मदन मोहता, शिव रतन पुरोहित, गणेश व्यास, लक्ष्मीनारायण व्यास आदि सक्रिय रहे।