
कोलकाता, 13 अगस्त। नवान्न अभियान (राज्य सचिवालय मार्च) के दौरान हुई हिंसा के मामले में कोलकाता पुलिस द्वारा समन जारी किए जाने के बाद भाजपा के चार नेताओं ने अग्रिम जमानत के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया है। इन नेताओं में क्रिकेटर से राजनेता बने और पार्टी विधायक अशोक दिन्दा के साथ काली खटिक, शंकुदेब पांडा और पूर्व लोकसभा सदस्य अर्जुन सिंह शामिल हैं।
उच्च न्यायालय के जस्टिस जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने इन नेताओं की याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है। सभी याचिकाओं की सुनवाई गुरुवार को एक साथ की जाएगी। इन नेताओं ने न केवल अग्रिम जमानत की मांग की है, बल्कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को रद्द करने की भी अपील की है।
कोलकाता पुलिस ने मंगलवार को दिन्दा और अन्य को 17 अगस्त को न्यू मार्केट थाने में पेश होने के लिए समन भेजा है। पुलिस का आरोप है कि 9 अगस्त को हुए नवान्न अभियान के दौरान अशोक दिन्दा ने पुलिस अधिकारियों को धमकाया और प्रदर्शनकारियों को उकसाकर ड्यूटी पर तैनात जवानों पर हमला करने के लिए भड़काया। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिन्दा ने एक आईएएस अधिकारी के गार्ड से भी हाथापाई की। पुलिस ने इस संबंध में वीडियो फुटेज भी जब्त किए हैं।
हिंसा के बाद पुलिस ने 7 मामले दर्ज किए हैं। आरोप है कि भाजपा नेताओं ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, अधिकारियों को ड्यूटी करने से रोका, पुलिसकर्मियों को धमकाया और गाली-गलौज की। आरोपितों पर पुलिस कांस्टेबलों पर हमला करने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने का भी आरोप है।
पुलिस के मुताबिक, इस दौरान पांच पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से तीन को एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हिंसा में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की रेप और मर्डर पीड़िता की मां भी घायल हुई थीं, जिससे मामले ने और तूल पकड़ लिया।