काठमांडू, 30 जून । नेपाल की विशेष अदालत ने 321 अरब रुपये से अधिक के हाई प्रोफाइल टेलीकॉम भ्रष्टाचार मामले में नेपाली कांग्रेस के सांसद और पूर्व सूचना तथा संचारमंत्री मोहन बस्नेत को 25 लाख रुपये की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

एंटी करप्शन ब्यूरो ने 15 मई को नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (एनटीए) के इस घोटाले का मामला अदालत में दायर कराया था। इसमें बस्नेत और 15 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। विशेष अदालत के न्यायमूर्ति तेज नारायण सिंह राई, न्यायमूर्ति राम बहादुर थापा और न्यायमूर्ति बिदुर कोइराला की पीठ ने आज पहले बस्नेत का बयान दर्ज किया। इसके बाद उनकी रिहाई का आदेश जारी किया।

एंटी करप्शन ब्यूरो का आरोप है कि नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण के लिए टेरामॉक्स प्रणाली की खरीद के दौरान बड़े पैमाने पर गबन किया गया है। अन्य आरोपितों में एनटीए के पूर्व अध्यक्ष दिगंबर झा, धनराज ज्ञवाली, टिका प्रसाद उप्रेती, सुरेंद्र लाल हाडा, दीपेश आचार्य, संदीप अधिकारी अधिकारी, अच्युतानंद मिश्रा, विजय कुमार राया, पुरुषोत्तम प्रसाद खनाल, रेवती राम पंथ, सुरेश बस्नेत, हिरण्य प्रसाद बस्ताकोटी, तेज प्रसाद खरेल, दिलीप कुमार गुरुंग और दो निजी कंपनियां शामिल हैं।