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काठमांडू, 19 फरवरी नेपाल में बुधवार को प्रजातंत्र दिवस मनाया जा रहा है। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने देशवासियों के नाम एक वीडियो संदेश जारी करते हुए वर्तमान राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है कि उनकी खामोशी को कमजोरी समझने की कोशिश ना की जाए। पूर्व राजा ने देश के विकास और प्रगति के लिए आम नेपाली जनता से समर्थन देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि ‘राष्ट्र की रक्षा और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने’ के लिए वो हमेशा ही प्रतिबद्ध हैं, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति पर भी अंकुश लगाने की बात हो रही है, जो प्रजातंत्र के लिए सही नहीं है।
पूर्व राजा शाह ने 10 मिनट 27 सेकेंड के वीडियो संदेश में कहा है कि अपने पूर्वजों की तरह राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए बलिदान देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता की खातिर उन्होंने राजमहल छोड़ा, अपनी सभी सुख सुविधाओं का त्याग किया है और देश की जनता के लिए इस तरह के त्याग करने के लिए वो आज भी तैयार हैं। पूर्व राजा शाह ने अपने संदेश में कहा है कि “बलिदान से कोई छोटा नहीं हो जाता और ऐसी भावना को किसी की कमजोरी नहीं समझनी चाहिए। उन्होंने सभी देशवासियों से देश के विकास और प्रगति के लिए साथ देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देश के लिए हमारी निष्ठा और समर्पण सदैव रहेगा। राष्ट्र की रक्षा के लिए सभी को अनुशासन और ईमानदारी से प्रयास करने चाहिए। उन्होंने यह शिकायत भी की कि लोकतंत्र आज के युग में शासन का सर्वोत्तम रूप होना चाहिए, यह सामान्य ज्ञान और राय के आधार पर देश के कानूनों, नियमों और मानदंडों के आधार पर राज्य चलाने का सार्वभौमिक आदर्श होना चाहिए, लेकिन नेपाल में ऐसा नहीं हो रहा है। ज्ञानेन्द्र शाह के संदेश में कहा गया है कि लोकतंत्र केवल सुंदर शब्दों और आकर्षक आदर्शों से सार्थक नहीं है। कर्म और व्यवहार में लोकतंत्र लाने के लिए सेवा भावना और सही लोकतांत्रिक आचरण का होना जरूरी है। सबकी पहचान होनी चाहिए। सबके अस्तित्व की रक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निषेध की राजनीति से लोकतंत्र मजबूत नहीं होता। नेताओं के निजी स्वार्थ एवं हठ लोकतंत्र को गतिशील नहीं बना सकता।
पूर्व राजा शाह ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक दलों की ओर से देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने और उसे नष्ट करने का षडयंत्र किया जा रहा है। नेपाल के अस्तित्व को ही खत्म किया जा रहा है। सरकार और राजनीतिक दलों की गलत नीति के कारण होनहार जनशक्ति का देश से पलायन होना एक बड़ी चिंता का विषय है। पूर्व राजा ने कहा कि देश के उद्योग कल कारखाने को बर्बाद किया जा रहा है। नेपाल के राजनेताओं और राजनीतिक दलों की नीति और गतिविधियां ठीक नहीं हैं। इसलिए जनता को अब पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजसंस्था के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है, जो प्रजातंत्र के लिए शोभनीय नहीं है। पूर्व राजा ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र एक ऐसी प्रणाली होनी चाहिए, जो लोगों के विश्वास और आशा को प्रेरित करे।