कोलकाता, 25 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले की पहाड़ियों, विशेष रूप से कर्सियांग में, काले तेंदुओं (मेलानिस्टिक तेंदुए) की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने ट्रैप कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वन विभाग ने इस महीने की 14 तारीख को कर्सियांग में एक काले तेंदुए की उपस्थिति को दर्ज किया था।

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सामान्य लोग अक्सर मेलानिस्टिक तेंदुए को काला पैंथर समझ लेते हैं, लेकिन ये दोनों अलग प्रजातियां हैं। मेलानिस्टिक तेंदुए दरअसल सामान्य तेंदुए ही होते हैं, जिनकी त्वचा का रंग डीएनए असंतुलन के कारण अधिक काला दिखाई देता है। यह दुर्लभ प्रजाति होने के बावजूद, पिछले कुछ वर्षों में इन तेंदुओं को दार्जिलिंग की पहाड़ियों में कई बार देखा गया है। इस कारण राज्य वन विभाग ने इनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमरे लगाने का निर्णय लिया है, ताकि इस क्षेत्र में इनकी मौजूदगी के बारे में और जानकारी जुटाई जा सके।

कर्सियांग के विभिन्न क्षेत्रों में आठ ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं, खासकर चाय बागानों के पास, जहां भोजन की तलाश में तेंदुए अक्सर आते हैं। अगले महीने और भी ट्रैप कैमरे लगाने की योजना है।

जानकारी के अनुसार, दार्जिलिंग के मिरिक क्षेत्र में पहली बार नवंबर 2020 में एक काले तेंदुए को देखा गया था। इसके बाद नवंबर 2022 में मानेभंजन क्षेत्र में भी इस प्रजाति की उपस्थिति दर्ज की गई थी। वर्ष 2023 में भी इस प्रजाति को अप्रैल और नवंबर में देखा गया था। इस वर्ष 2024 में, काले तेंदुए को पहली बार जून में और फिर गत 14 अक्टूबर को देखा गया।

वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस क्षेत्र में तेंदुओं की कुल संख्या पिछले कुछ वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है। अब काले तेंदुओं की उपस्थिति से यह क्षेत्र पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अधिक आकर्षक बन गया है।