
रांची, 05 जून । पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर में आतंकियों द्वारा अपहरण किए गए पांच भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी को लेकर ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) लगातार प्रयास कर रहा है। ये सभी पांच भारतीय नागरिक झारखंड के गिरिडीह जिले के बाग़ोदर के निवासी हैं।
यह घटना 25 अप्रैल 2025 को नाइजर की राजधानी नियामे से लगभग 115 किलोमीटर दूर तिल्लाबेरी के सकोइरा में घटी। इस हमले में 12 नाइजर सैनिकों की जान चली गई। इस दौरान आतंकवादियों ने एक पावर ट्रांसमिशन परियोजना में काम करने वाले गिरिडीह जिला अंतर्गत बगोदर के पांच मजदूरों संजय महतो, चंद्रिका महतो, फलजीत महतो, राजू महतो और उत्तम महतो का अपहरण कर लिया था। ये मजदूर कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (केपीआईएल)की ओर से संचालित प्रोजेक्ट में कार्यरत थे।
घटना की सूचना के बाद आजसू हुआ सक्रिय
इस घटना की सूचना के बाद आजसू सक्रिय हुआ और इसकी जानकारी लिखित रूप से पूर्ण विवरण के साथ विदेश मंत्रालय को उपलब्ध करायी। इसके बाद विदेश मंत्रालय सक्रिय हुआ। पत्र लिखने के बाद आजसू के प्रतिनिधिमंडल ने सभी पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात की थी और उन्हें आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करायी थी।
आजसू के अनुरोध पर भारतीय राजदूत ने नाइजर के सेना प्रमुख से की मुलाकात
आजसू पार्टी ने इस अभियान का जिम्मा हजारीबाग लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी और पार्टी के वरीय नेता संजय मेहता को सौंपा। संजय मेहता ने इस समस्या को लेकर विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से वार्ता की। उन्होंने विदेश मंत्रालय के अवर सचिव बीएन पांडेय, नाइजर में भारत के राजदूत सीता राम मीना, विदेश मंत्रालय में सेंट्रल और पश्चिम अफ्रीका के विदेशी मामलों के अधिकारी सेवाला नाइक मुड़े के ओएसडी लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव कुमार से लगातार वार्ता की। इस वार्ता का असर भी हुआ। नाइजर में भारत के राजदूत सीता राम मीना ने नाइजर के सेना प्रमुख से 9 मई को मुलाकात की। नाइजर के सेना प्रमुख कर्नल अब्दुर्रहमान तियानी ने इस मुलाकात में मजदूरों को रिहा करवाने का भरोसा दिया।
विदेश मंत्रालय ने आजसू को भेजा जवाब
संजय मेहता ने विदेश मंत्रालय को 30 अप्रैल, 2 मई, 4 मई, और 23 मई को पांच पत्र लिखे। कंपनी के अधिकारियों से भी उन्होंने बात की। विदेश मंत्रालय ने संजय मेहता को भेजे गए जवाब में लिखा है कि भारत में नाइजर के राजदूत, नाइजर के वरिष्ठ अधिकारियों, नाइजर सरकार और विदेश मामलों के मंत्रालय के सचिव के साथ बैठकों के बाद, नाइजर के सेना प्रमुख और सेना स्टाफ ने इस स्थिति का विस्तृत ब्यौरा दिया। इस बैठक में यह आश्वासन दिया गया कि अपहृत भारतीय श्रमिक सुरक्षित हैं और उनकी जान को कोई खतरा नहीं है, साथ ही यह संकेत भी दिया गया कि वे माली सीमा क्षेत्र में हो सकते हैं।
विदेश मंत्रालय ने यह भी लिखा है कि संभावित सीमा पार प्रभावों को देखते हुए, विदेश मंत्रालय ने माली में भी राजनयिक चैनलों को सक्रिय किया है। भारत के राजदूत ने माली में अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ( आईसीआरसी) कार्यालय, नई दिल्ली में और माली में आईसीआरसी अधिकारियों के साथ इस विषय को लेकर बैठक की है। नई दिल्ली में लेफ्टिनेंट संजीव कुमार, ओडसडी और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भी कल्पतरु इंटरनेशनल प्रोजेक्ट कंपनी के अधिकारियों से मुलाकात की है।
विदेश मंत्रालय ने अपने पत्र में बताया है कि कल्पतरु प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सलाह दी गई कि वे नाइजर और माली में आईसीआरसी इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ द रेड क्रॉस और स्थानीय अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय करें। विदेश मंत्रालय के अनुसार अपहृत व्यक्तियों के रिहाई के लिए समानांतर राजनयिक प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने नाइजर के विदेश मामलों (सीडीए) के प्रभारी को यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय किया कि अपहृत नागरिकों की सुरक्षित रिहाई हो सके। विदेश मंत्रालय ने लिखा है कि हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं । नाइजर और माली में सरकारों, स्थानीय संपर्कों और सभी हितधारकों, कल्पतरु इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के साथ मानवीय एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है।
झारखंडवासियों की वापसी के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा : सुदेश महतो
राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा की हमारी पार्टी विदेश मंत्रालय के संपर्क में है। हम अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। विदेश मंत्रालय के स्तर से प्रयास जारी है। मजदूरों की सुरक्षित वापसी हमारा संकल्प है।