
कोलकाता, 21 जून ।
लगातार बारिश और दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के पानी के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पश्चिम मिदनापुर में गरबेता-घाटाल, हुगली में आरामबाग-गोघाट और हावड़ा और बांकुड़ा के कुछ हिस्सों में भी बाढ़ की स्थिति बन गई है। स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कई राहत शिविर खोल दिए हैं जिम प्रभावितों को रखा गया है। शुक्रवार को नबान्न से मुख्यमंत्री ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए संबंधित जिलों के मंत्रियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का आदेश दिया है। नवान्न सूत्रों के अनुसार पश्चिम मिदनापुर में मानस भुइयां, बाकुड़ा-पुरुलिया में मंत्री मलय घटक और हुगली में आरामबाग, गोघाट के लिए फिरहाद हकीम को सतर्कता की जिम्मेदारी दी गई है।
दरअसल सोमवार से गुरुवार तक लगातार हुई बारिश ने पश्चिम मिदनापुर के घाटाल और गरबेता में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। भौगोलिक दृष्टि से घाटाल इलाका घड़े के समान है। नतीजतन, पानी की निकासी में दिक्कत आ रही है। समस्या के समाधान के लिए घाटाल मास्टर प्लान पर भी काम शुरू हो गया है।
जिले को गरबेटा-1 ब्लॉक के दस और गरबेता-2 ब्लॉक के चार इलाकों की स्थिति गंभीर है। आगरा, धादिका, खरकुश्मा, बारामुरा, संधिपुर, गरंगा, पियाशाला, जोगरडांगा, सरबत, अमलाशुली इलाके के लोगों को बचाकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। प्रशासन ने 21 राहत शिविर खोले हैं। इनमें करीब 2500 लोग हैं। इलाके के बुजुर्गों के मुताबिक इससे पहले 1978 में भी ऐसी ही बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी। वे स्थिति के लिए डीवीसी के अलावा बरसात के पानी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
शुक्रवार को बारिश नहीं होने से नदी का जलस्तर थोड़ा कम हुआ है। हालांकि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार रविवार से फिर भारी बारिश की संभावना है। ऐसे में आशंका है कि डीवीसी द्वारा फिर पानी छोड़े जाने पर स्थिति और खराब हो सकती है। नवान्न सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्रियों के साथ ही जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों को बाढ़ के हालात पर कड़ी नजर रखने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री खुद भी हर पल स्थिति पर नजर रख रही हैं।
हावड़ा के अमता-2 ब्लॉक में भी स्थिति खराब हुई है। प्रशासन सूत्रों के अनुसार अमता-2 ब्लॉक के गायेनपाड़ा और कुलिया में दो बांस के पुल शुक्रवार को पानी में बह गए। इसके कारण भटोरा दीपांचल मुख्य भूमि से कट गया है। आवागमन का एकमात्र साधन नौका सेवा है। लेकिन नदी में तेज बहाव के कारण इसे फिलहाल बंद कर दिया गया है। हुगली के आरामबाग-बदनगंज, कमारपुकुर और जॉयरामबाटी के कुछ हिस्से पानी में डूबे हुए हैं।
तुलनात्मक रूप से, बांकुरा में बाढ़ की स्थिति गुरुवार से सुधर रही है। हालांकि, अगर फिर से बारिश होती है और डीवीसी पानी छोड़ता है, तो एक बड़ा क्षेत्र फिर से बाढ़ की चपेट में आ सकता है। लगातार बारिश ने कृषि को भी कुल मिलाकर नुकसान पहुंचाया है।