
कोलकाता, 04 जुलाई । पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद भड़की हिंसा से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को पहली बार किसी आरोपित को सजा सुनाई गई है। मालदा की एक विशेष अदालत ने तृणमूल कांग्रेस के नेता और सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक रफीकुल इस्लाम को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
यह मामला राज्य के मालदा जिले के मानिकचक ब्लॉक का है, जहां पांच जून 2021 को एक नौ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना घटी थी। आरोप है कि बच्ची के परिवार का संबंध भारतीय जनता पार्टी से होने के कारण राजनीतिक प्रतिशोध के तहत यह वारदात की गई। बच्ची उस वक्त चौथी कक्षा की छात्रा थी।
इस मामले की सुनवाई मालदा के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (एडीजे-2) राजीव साहा की अदालत में हुई। गुरुवार को अदालत ने रफीकुल इस्लाम को दोषी करार दिया था और शुक्रवार को सजा सुनाई गई। यह फैसला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा विधानसभा चुनाव बाद की हिंसा के मामलों में की गई जांच के तहत आया है।
सीबीआई के वकील अमिताभ मैत्र ने जानकारी दी कि यह फैसला पॉक्सो कानून के तहत सुनाया गया है और इस मामले में कुल 22 गवाहों की गवाही हुई। उन्होंने बताया कि चुनाव बाद की हिंसा से जुड़े मामलों में यह पहला फैसला है जिसमें किसी को दोषी ठहराकर सजा दी गई है।
घटना के बाद पीड़ित परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर रफीकुल को गिरफ्तार किया गया था और वह तब से जेल में बंद था। परिवार का आरोप है कि उन्हें भाजपा का समर्थन करने की सजा मिली। पीड़िता की मां ने बताया कि मेरी बेटी घर के सामने खेल रही थी, तभी आरोपित उसे कमरे में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। हम पर भाजपा का साथ देने के लिए यह हमला किया गया।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, रफीकुल इस्लाम पहले माकपा से जुड़े थे, बाद में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। पीड़िता फिलहाल सातवीं कक्षा में पढ़ रही है।
कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर चुनाव बाद हुई हिंसक घटनाओं की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। एजेंसी को कुल 55 मामलों की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी, जिनमें हत्या और दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध शामिल थे। मालदा की यह घटना उन्हीं मामलों में से एक है।