कोलकाता, 19 जून। अलीपुरद्वार के मदारीहाट स्थित जलदापाड़ा नेशनल पार्क मेंया  लकड़ी से बना बंगला जलकर राख हो गया। प्राथमिक अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी है।

जलदापाड़ा वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ परवीन कासवान ने कहा कि आग की घटना रात नौ बजे के आसपास हमारे ध्यान में आई। मौके पर मौजूद मजदूरों ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है।  आग से बंगले का एक एसी फट गया। हमारे वनकर्मियों ने इसे बुझाने का प्रयास किया। लेकिन वे लकड़ी के बंगले में लगी आग पर काबू नहीं पा सके।

उन्होंने आगे कहा कि हासीमारा और फलाकाटा में अग्निशमन विभाग को सूचित किया गया। रात करीब 10:15 बजे दमकल कर्मी अग्निशमन विभाग की एक गाड़ी लेकर जंगल के अंदर पहुंचे। उन्होंने आग पर काबू पाया। बाद में एक और अग्निशमन वाहन को लाना पड़ा। देर रात आग पर काबू पाया जा सका। अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उद्यान बंद होने के कारण बंगले में कोई पर्यटक नहीं था।

लकड़ी का बना बंगला जलकर खाक हो गया है। बुधवार सुबह एक सूत्र ने बताया कि 1967 में निर्मित यह वन बंगला राज्य वन विभाग की सबसे महंगी संपत्तियों में से एक था। हालांकि डीएफओ ने बताया कि बुधवार सुबह स्थिति का जायजा लेने के बाद नुकसान का पता चलेगा।

जलदापाड़ा वन विभाग के इस खूबसूरत वन बंगले की सराहना राज्य के वीवीआईपी से लेकर नौकरशाहों या देश-विदेश के पर्यटकों ने की। जब ज्योति बोस मुख्यमंत्री थे तब वे नियमित रूप से इस बंगले में आते थे। कुछ साल पहले बंगले का नवीनीकरण भी किया गया था।
वन विभाग के एक सूत्र के अनुसार, जून 2010 में, ऐसी ही एक विनाशकारी आग ने बक्सा बाघ परियोजना से संबंधित जयंती वन बंगले को नष्ट कर दिया था।