कोलकाता, 23 फरवरी । उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में एक सिख पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहने के आरोप में शुक्रवार देर शाम पहली प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी सहित भाजपा नेताओं पर ड्यूटी पर तैनात एक आईपीएस अधिकारी पर ”खालिस्तानी” टिप्पणी करने का आरोप लगा था। अब इस मामले में कोलकाता के भवानीपुर थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले मंगलवार को संदेशखाली गया था। उस समय कथित तौर पर एक सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह पर ”खालिस्तानी” टिप्पणी की गई थी। शुक्रवार को इस घटना में राज्य में पहली एफआईआर दर्ज की गई। जिस शख्स ने थाने में शिकायत की, उसका नाम गुरुमीत सिंह है। उसने पते के रूप में पद्मपुकुर रोड स्थित यूथ खालसा क्लब का नाम लिखवाया। गुरमीत ने कहा कि न केवल सिख पुलिस अधिकारी का अपमान किया गया, बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने और विभिन्न धर्मों के बीच हिंसा फैलाने का भी प्रयास किया गया।

उधर, सिख समुदाय की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि जब तक उन पर ऐसी टिप्पणी करने वालों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक वे अपना शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। साथ ही उन्होंने इस बारे में बात करने के लिए मुख्यमंत्री से समय भी मांगा है। सिख समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलना चाहता है।

उल्लेखनीय है कि पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता ने संदेशखाली का एक वीडियो पोस्ट कर ”खालिस्तानी” टिप्पणी की निंदा की थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा कि सिख पुलिस अधिकारी के बारे में भाजपा द्वारा की गई टिप्पणी के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (ए) के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य पुलिस के एक्स हैंडल पर संबंधित पोस्ट में लिखा गया, ””हमारे एक अधिकारी को राज्य के विपक्षी नेता ने खालिस्तानी कहा। यह एक भड़काऊ टिप्पणी है और एक अपराध है। सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

हालांकि, भवानीपुर थाने में दर्ज एफआईआर में किसी भाजपा नेता का नाम नहीं है। फिलहाल, ”अज्ञात” भाजपा नेता या सदस्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।