
विशिष्ट अतिथियों ने मुक्त कंठ से की आयोजन की प्रशंसा
कोलकाता, 2 अगस्त। समाजोत्थान, साहित्य, शिक्षा और संस्कृति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समर्पित भाव से कार्यरत संस्था समर्पण ट्रस्ट द्वारा आज कोलकाता स्थित एक पांच सितारा होटल) में “समर्पण समाज गौरव सम्मान” समारोह का आयोजन किया गया। यह अवसर केवल सम्मान का एक औपचारिक मंच नहीं था, बल्कि उन जीवनमूल्यों और आदर्शों का उत्सव था, जिन पर सामाजिक चेतना, निस्वार्थ सेवा और सशक्त समाज निर्माण की नींव रखी जाती है।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण को केंद्र में रखते हुए तुलसी जलार्पण के साथ हुआ । ट्रस्ट के सभापति दिनेश बजाज ने स्वागत भाषण देते हुए कहा, “समाज की इन विभूतियों ने अपने कर्म, विचार और आचरण से समाज को बहुत कुछ दिया है। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक पंकज भालोटिया ने संस्था की गतिविधियों एवं उद्देश्यों की विस्तार से जानकारी दी, वहीं समारोह के मुख्य अतिथि गिरधारीलाल गोयनका ने समर्पण ट्रस्ट के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “यह संस्था समाज सेवा की एक नई गाथा लिख रही है, जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम होगी।”
इस अवसर पर समाज सेवा के विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली विशिष्ट विभूतियों को “समर्पण समाज गौरव सम्मान” से सम्मानित किया गया।
सजन बंसल को उनकी दानवीरता के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने मंच से अपने विचार रखते हुए कहा, “जिसके पास जो आवश्यकता से अधिक हो, उसे समाज सेवा में लगा देना चाहिए। सेवा, केवल दान नहीं, बल्कि एक उत्तरदायित्व है।”
रामानंद रूस्तगी, जिन्होंने सात दशकों से समाज निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई है, ने कहा, “मैं चार्टर्ड अकाउंटेंट बना और फिर समाज सेवा के लिए तत्पर रहा। लेकिन मुझे इस काबिल समाज ने बनाया है। मैं समाज का ऋणी हूं।”
राजेश सोंथलिया को सामाजिक चेतना के विस्तार में किए गए जागरूक प्रयासों के लिए सम्मान मिला। उन्होंने कहा, “मैंने अपने पिता से समाज सेवा की प्रेरणा ली और उसी पथ पर चलकर लगातार समाज निर्माण का प्रयास कर रहा हूँ। यह कार्य मेरे जीवन का उद्देश्य बन चुका है।”
श्रीमती पुष्पा मूंधड़ा को समाज सेवा में उनके निःस्वार्थ योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, “मैं आदिवासी, बनवासी तथा जरूरतमंदों के बीच शिक्षा का अलख जगाने का प्रयास कर रही हूँ। यह कोई उपकार नहीं, बल्कि मेरी जिम्मेदारी है, जिसे निभाते हुए मैं स्वयं को धन्य समझती हूँ।”
प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए डॉ. लक्ष्मण पल्लै को भी यह सम्मान प्रदान किया गया। यद्यपि वे स्वास्थ्य संबंधी कारणों से समारोह में उपस्थित नहीं हो सके, उन्होंने अपना आभार एक भावुक ऑडियो संदेश के माध्यम से प्रकट किया। उन्होंने कहा, “यह सम्मान मेरे लिए केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत सभी समर्पित जनों के लिए एक प्रेरणा है।”
इस अवसर पर अनुष्का वर्मन, जिन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, को “शैक्षणिक उत्कृष्टता सम्मान” से सम्मानित किया गया। उनकी उपलब्धि ने युवा वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत प्रस्तुत किया।
समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथि राजेंद्र खंडेलवाल ने अपने उद्बोधन में ट्रस्ट की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह संस्था बिना किसी आडंबर और प्रचार के, निष्ठा के साथ जो कार्य कर रही है, वह आज के समय में अत्यंत प्रशंसनीय है।”
विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित गणेश सिंघानिया सपत्नीक श्रीमती अनिता सिंघानिया ने कहा कि समर्पण ट्रस्ट समाज सेवा के जिस निष्ठापूर्वक मार्ग पर कार्य कर रहा है, वह अत्यंत प्रेरणादायक है। समाज के उन व्यक्तित्वों को सम्मानित करना जिन्होंने अपने जीवन को सेवा, संस्कृति और सरोकारों के लिए समर्पित किया, वास्तव में एक सराहनीय पहल है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार विश्वंभर नेवर ने अपने विचार रखते हुए यह चिंता भी व्यक्त की कि समाज सेवा के क्षेत्र में विगत वर्षों की अपेक्षा अब गंभीरता में गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने कहा, “कई सामाजिक संस्थाएँ बंद हो रही हैं, जो समाज के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। समर्पण ट्रस्ट इस अंधकार में आशा की एक किरण है।”
ट्रस्ट के महासचिव प्रदीप ढेडिया ने समारोह में कहा, “समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाले व्यक्तित्वों को पहचानना और उन्हें सम्मानित करना, न केवल हमारा दायित्व है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।”
कार्यक्रम का संचालन महावीर प्रसाद रावत ने अत्यंत सहज एवं प्रभावशाली शैली में किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जयप्रकाश मिश्र द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में बी के मूंधड़ा, राम बिलाश अग्रवाल, सुभाष मुरारका, विष्णु सराफ, अमित केडिया, मनीषा बजाज, सुधांशु शेखर, विनोद अग्रवाल, पद्माश्री पोद्दार, रजीत भूतोड़िया, मोहन केडिया, गरिमा पोद्दार, अरूप बर्मन समेत अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का कुशल प्रबंधन आनंद इवेंट्स द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गणेश अग्रवाल, महेश भुवालका, पवन बंसल, मनीष बजाज, हरी सोनी एवं अमन ढेडिया विशेष रूप से सक्रिय रहे।