वाशिंगटन, 25 अक्टूबर फेंटेनाइल संबंधी रसायनों के अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं पर धड़ाधड़ कार्रवाई कर रही अमेरिकी खुफिया एजेंसी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक काश पटेल अगले महीने चीन की यात्रा पर जाएंगे। अमेरिका ने विदेशों में उत्पादित ऐसे रसायनों और उनसे संबंधित वित्तपोषण स्रोतों से निपटने के लिए नशा विरोधी नीति पर अमल शुरू किया है। राष्ट्रपति ट्रंप और पटेल ने चीन को संयुक्त राज्य अमेरिका में नशे की लत के संकट को बढ़ावा देने के लिए दोषी ठहराया है।
सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, काश पटेल अपनी चीन यात्रा के दौरान वहां के नेतृत्व और अधिकारियों के बीच फेंटेनाइल का मुद्दा उठाएंगे। राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रंप भी दक्षिण कोरिया में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान अवैध नशीली दवाओं की समस्या का मुद्दा उठाएंगे। ट्रंप ने गुरुवार को कहा, “मैं उनसे सबसे पहला सवाल फेंटेनाइल के बारे में पूछूंगा।” ट्रंप ने यह टिप्पणी गुरुवार को व्हाइट हाउस के स्टेट डाइनिंग रूम में आयोजित एक कार्यक्रम में की। यह कार्यक्रम नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले ड्रग कार्टेल पर कार्रवाई को उजागर करने के लिए आयोजित किया गया था।
ट्रंप ने कहा कि प्रशासन ने अब तक बड़ी मात्रा नशीले पदार्थ जब्त किए हैं। पटेल ने कहा कि प्रशासन ने लाखों लोगों की जान बचाई है। ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने के कुछ दिनों बाद कहा था कि चीन, अमेरिका में नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकने में विफल रहा है। पिछेल माह तीन सितंबर को पटेल ने खुलासा किया कि कुछ चीनी कंपनियां कथित तौर पर फेंटेनाइल उत्पादन के लिए आवश्यक प्रीकर्सर रसायन बनाती हैं। 16 सितंबर को सीनेट में गवाही के दौरान पटेल ने कहा था कि एजेंसी ने मुख्य भूमि चीनी व्यवसायों और उद्यमों से जुड़े क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट भी जब्त किए हैं, क्योंकि इन पर फेंटेनाइल उत्पादन में शामिल होने का संदेह है।
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