नई दिल्ली, 23 जनवरी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास को खत्म करने वाले फर्जी आख्यानों के प्रति सावधानी बरतने की सलाह देते हुए गुरुवार को कहा कि इस तरह के फर्जी आख्यान आमतौर पर चुनाव प्रक्रिया के महत्वपूर्ण मोड़ पर इसके महत्वपूर्ण पहलुओं को निशाना बनाने के लिए बनाए जाते हैं।

चुनाव आयोग नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। सम्मेलन में लगभग 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि समकालीन चुनाव प्रबंधन के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए एकत्रित हो रहे हैं।

इस दौरान अपने मुख्य भाषण में सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि चुनौतियों और जटिलताओं के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों की पुष्टि के लिए ईएमबी के लिए 2024 एक निर्णायक वर्ष रहा है। उन्होंने दक्षता, पारदर्शिता और मतदाता विश्वास बढ़ाने में प्रौद्योगिकी और डिजिटल नवाचारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

ईसीआई ‘वैश्विक चुनाव वर्ष 2024: लोकतांत्रिक स्थानों की पुनरावृत्ति, ईएमबी के लिए सीख’ विषय पर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इसमें भूटान, जॉर्जिया, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, आयरलैंड, मॉरीशस, फिलीपींस, रूस, ट्यूनीशिया और नेपाल सहित 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के लगभग 30 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

सीईसी ने कहा कि प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है लेकिन यह साइबर सुरक्षा खतरों और गलत सूचना जैसी चुनौतियां भी लाती है। उन्होंने ईएमबी से इन तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियों को कारगर बनाने का आग्रह किया, ताकि जोखिमों को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।

कार्यक्रम में उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान के चुनाव प्रबंधन निकायों ने 2024 में अपने चुनावी अनुभव पर प्रस्तुतियाँ दीं और सोशल मीडिया पर गलत सूचना, भ्रामक सूचना और फर्जी आख्यानों के बारे में अपनी चिंताएँ व्यक्त कीं, जो चुनावों में चुनावी अखंडता को प्रभावित करते हैं।

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