मालदा, 21 मार्च । शहर में बिना लाइसेंस के डायग्नोस्टिक सेंटर चल रहा था। सेंटर में  खून की जांच भी प्रशिक्षु कर्मचारियों से करायी जा रही थी। अंतत: जिला सर्विलांस टीम द्वारा डायग्नोस्टिक सेंटर को सील कर दिया है।

जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, गाजोल के एक व्यक्ति को सांस लेने में समस्या के कारण गाजोल स्टेट जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से डॉक्टरों ने उसे मालदा मेडिकल रेफर कर दिया। मरीज के परिवार एम्बुलेंस से मालदा मेडिकल के लिए निकल गए। लेकिन एम्बुलेंस चालक ने बेहतर चिकित्सा सेवाओं को लालच देकर परिवार को मेडिकल कॉलेज के बजाय गौरकन्या बस स्टैंड के संलग्न एक नर्सिंग होम में ले गए। आरोप है कि पहले तो वहां मरीज को पांच घंटे बाद अटेंड किया गया। दो दिन तक इलाज न होने पर भी एक लाख रुपया का बिल बनाकर दोबारा मेडिकल रेफर कर दिया गया। लेकिन पैसे नहीं दे पाने के कारण मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा था। आखिरकार शुक्रवार जिला निगरानी टीम ने मरीज को बरामद कर मालदा मेडिकल में भर्ती कराया।

प्रशासन सूत्रों के मुताबिक, नर्सिंग होम को सुनवाई के लिए बुलाया गया है। अधिकारियों के जवाब के बाद ही जिला प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। सील किए गए डायग्नोस्टिक सेंटर के मामले में भी इसी तरह के कदम उठाए जा रहे है।