हावड़ा, 12 अप्रैल । केंद्रीय वनस्पति प्रयोगशाला (सीबीएल), हावड़ा ने शुक्रवार को भारत की प्रथम महिला वनस्पति विज्ञानी डॉ. ई. के. जानकी अम्माल की स्मृति में प्रदर्शनी कक्ष का उद्धाटन एवं उनके तैल चित्रों का अनावरण किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के निदेशक डॉ. ए. ए. माओ ने डॉ. ई. के. जानकी अम्माल के चित्र और उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं का अनावरण किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ. ई. के. जानकी अम्माल बीएसआई के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं क्योंकि उन्होंने 1954 में ही भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के पुनर्गठन की योजना तैयार की थी। उस समय उनका दृष्टिकोण था कि वानस्पतिक सर्वेक्षण के स्तर का एक संस्थान तब तक पूरी तरह कार्यात्मक नहीं हो सकता जब तक कि उसके पास देश की संपूर्ण पादप विविधता के समग्र मूल्यांकन और सूचीकरण के लिए विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में फैले कई क्षेत्रीय केंद्र न हों।
वैज्ञानिक एवं कार्यालय प्रमुख, सीबीएल, डॉ. प्रतिभा गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि डॉ. जानकी अम्माल ने उन दिनों विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के प्रवेश की शुरुआत की । वे संयुक्त राज्य अमेरिका से वनस्पति विज्ञान में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाली वह भारत की पहली महिला वैज्ञानिक बनीं। क्रोमोजोम एटलस ऑफ़ कल्टिवेटेड प्लान्ट्स पर उनके काम को कोशिका विज्ञान के क्षेत्र में चिरस्मरणीय कार्यों में से एक माना गया है। उन्होंने यह भी बताया कि डॉ. जानकी अम्माल को उनके परिश्रम एवं वैज्ञानिक कार्यो के प्रति समर्पण के कारण पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इस कार्यक्रम में डॉ. जे. जयंती, डॉ. आर. के. गुप्ता, डॉ. देवेन्द्र सिंह, डॉ. के. ए. ए. कबीर, डॉ. तपन सील सहित भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, कोलकाता और हावड़ा के सभी कार्यालयों के सभी वैज्ञानिक उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त भा. व. स. (भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण) के अन्य क्षेत्रीय कार्यालयों के कार्यालय प्रमुख डॉ. लालजी सिंह एवं डॉ. विनय रंजन भी उपस्थित थे। इस अवसर पर डॉ. मानस रंजन देवता ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया एवं राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ।