नई दिल्ली, 4 अक्टूबर । अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के बीच शुक्रवार को ताजमहल होटल में आयोजित कार्यक्रम में ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम और एसआईडीएम के अध्यक्ष डॉ. राजिंदर सिंह भाटिया उपस्थित थे।
इस एमओयू का उद्देश्य शिक्षा जगत और रक्षा उद्योग के बीच एक मजबूत साझेदारी स्थापित करना है ताकि पूरे भारत में एआईसीटीई अनुमोदित संस्थानों से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में भविष्य के लिए तैयार कार्यबल तैयार किया जा सके। इसके तहत विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से संकाय और छात्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो रक्षा और एयरोस्पेस शिक्षा में क्षमता निर्माण और संस्थागत विकास को बढ़ावा देगा। इस सहयोग से छात्रों के लिए रक्षा व एयरोस्पेस इंडस्ट्री में इंटर्नशिप करने की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी। इससे उन्हें मूल्यवान व्यावहारिक अनुभव मिलेगा और उनकी रोजगार क्षमता बढ़ेगी।
अनुसंधान और नवाचार भी इस समझौते के केंद्र में हैं। एआईसीटीई और एसआईडीएम दोनों रक्षा उद्योग में वर्तमान और उभरती हुई चुनौतियों का समाधान करने के लिए अनुसंधान परियोजनाओं और पायलट कार्यक्रमों पर एक साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा इन क्षेत्रों के बारे में शैक्षणिक संस्थानों की समझ बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अंत में इन क्षेत्रों में राष्ट्र की क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए एआईसीटीई से संबद्ध विश्वविद्यालयों और संस्थानों में उसके अनुरूप रक्षा और एयरोस्पेस में शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
यह समझौता ज्ञापन तीन वर्षों के लिए वैध है और भविष्य के सहयोग के लिए एक आधार के रूप में काम करेगा। समझौता यह भी सुनिश्चित करेगा कि रक्षा उद्योग प्रासंगिक क्षेत्रों में प्रशिक्षित उच्च कुशल स्नातकों से लाभ उठा सकता है। रक्षा मंत्री की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।