
बेल्जियम, 15 अप्रैल । यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच संबंधों में दरार की आशंका पैदा हो गई है। इसलिए यूरोपीय संघ के वरिष्ठ अधिकारी जब अमेरिका का दौरा करेंगे तो वह सुरक्षा के लिहाज से बर्नर फोन और साधारण लैपटाप का ही इस्तेमाल करेंगे। यह कदम अमेरिका द्वारा संभावित जासूसी की आशंका को देखते हुए उठाया गया है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच खासे अच्छे संबंध रहे हैं। लेकिन जब से डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, तब से कुछ अविश्वास की दरार देखी जा रही है। इसके पीछे अहम वजह ट्रम्प द्वारा नाटो सहयोगियों की आलोचना करना, रूस के प्रति नरम रूख अपनाना और व्यापारिक टैरिफ माने जा रहे हैं। इसके अलावा हाल में ही सिंग्नल मैसेजिंग प्लेट फार्म पर ट्रम्प प्रशासन के उच्च अधिकारियों की बातचीत लीक होने से अविश्वास और गहरा होता दिखाई दे रहा है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपीय कमीशन ने अपने अधिकारियों को सलाह दी है कि वह अमेरिका जाते समय अपने नियमित मोबाइल फोन और डिवाइस की जगह डिस्पोजेबिल बर्नर फोन व बेसिक लैपटाप का ही प्रयोग करें। डर है कि अमेरिकी प्रशासन उनकी संवेदनशील जानकारी तक पहुंच सकता है। यूरोपीय अधिकारी जब भी बैठकों में शामिल होंगे तो इन फोनों का ही प्रयोग करेंगे। जिससे उनकी जानकारी सुरक्षित रह सके। गौरतलब है कि पहले यह सावधानी चीन और यूक्रेन जैसे देशों की यात्रा के दौरान ही अपनाई जाती थी।
बर्नर फोन हैं सुरक्षित
दरअसल बर्नर फोन सस्ते और अस्थाई होते हैं। आमतौर पर उनका इस्तेमाल गोपनीयता बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह फोन आसानी से बदले या फिर नष्ट किए जा सकते हैं, जिससे डेटा चोरी होने का खतरा काफी कम होता है।