ब्रुसेल्स, 29 नवंबर। यूरोपीय संघ के देशों के सरकारी कार्यालयों में इस्लामिक हेडस्कार्फ़ जैसे धार्मिक प्रतीक वाली पोशाकों पर प्रतिबंध लग सकता है।
लक्ज़मबर्ग की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि यूरोपीय संघ सरकारी कार्यालय के कर्मचारियों को इस्लामिक पोशाक पहनने पर प्रतिबंध लगा सकते हैं, भले ही उनका जनता से संपर्क न हो।
अदालत ने कहा, “पूरी तरह से तटस्थ प्रशासनिक माहौल स्थापित करने के लिए ऐसा नियम लगाया जा सकता है।”
अदालत ने यह फैसला बेल्जियम के एक स्थानीय सरकारी कार्यालय की एक कर्मचारी द्वारा दर्ज करायी गयी शिकात पर सुनवाई करते हुए सुनाया है। शिकायतकर्ता ने इस्लामी हेडस्कार्फ़ पहनने पर प्रतिबंध लगाए जाने को चुनौती दी थी। शिकायतकर्ता ने कहा था कि यह उसकी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है और उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि दार्शनिक या धार्मिक विश्वासों को प्रकट करने वाले किसी भी संकेत पर प्रतिबंध भेदभावपूर्ण नहीं है, अगर इसे प्रशासन के सभी कर्मचारियों पर सामान्य और तेजी से लागू किया जा सकता है और यह सख्ती से आवश्यक तक ही सीमित है।
यह फैसला पूरे यूरोपीय संघ में सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालयों के लिए मान्य है। यह फैसला यूरोपीय संघ के अदालत के पिछले फैसलों का समर्थन करता है, जिसमें पाया गया कि ऐसे प्रतिबंध निजी क्षेत्र के कार्यस्थलों में कानूनी हो सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अदालतों को इस तरह के प्रतिबंधों की प्रयोज्यता का फैसला करना चाहिए और सार्वजनिक कार्यालयों में भी सार्वजनिक-सामना करने वाले श्रमिकों तक ऐसे प्रतिबंधों को सीमित करने वाली नीतियां हो सकती हैं या विश्वास के दृश्य धार्मिक या दार्शनिक संकेतों को पहनने को अधिकृत करने का निर्णय लेना चाहिए।
अदालत ने कहा, “प्रत्येक सदस्य देश और किसी भी बुनियादी निकाय को अपनी क्षमताओं के ढांचे के भीतर सार्वजनिक सेवा की तटस्थता को डिजाइन करने में विवेक का मार्जिन होता है, जिसे वह अपने संदर्भ के आधार पर कार्यस्थल में बढ़ावा देना चाहता है।”