नई दिल्ली, 16 जनवरी । अटल भूजल योजना के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर की संचालन समिति (एनएलएससी) की सातवीं बैठक सचिव, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित की गई।

अतिरिक्त सचिव (प्रशासन, आईसी एवं जीडब्ल्यू) और अटल भूजल योजना के राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक सुबोध यादव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह योजना कार्यान्वयन के पांचवें वर्ष में है। अब समय आ गया है कि अन्य क्षेत्रों में भी इस योजना के प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए अटल जल क्षेत्र में इसका प्रभाव दिखाया जाए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले चार वर्षों में इस योजना के तहत राज्यों द्वारा कई पहल की गई हैं और अब राज्यों को डेटा का विश्लेषण करने और जमीनी स्तर पर गतिविधियों के प्रभाव और योजना के समग्र प्रभाव का आकलन करने की आवश्यकता है।

सचिव, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, देबाश्री मुखर्जी ने कहा कि अटल भूजल योजना एक अनूठी और पायलट योजना है। इसने समुदायों को सफलतापूर्वक शामिल किया है और उनकी जागरूकता की दिशा में काम किया है। सचिव ने भाग लेने वाले राज्यों को अपने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में गतिविधियों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया। उन्होंने अटल जल क्षेत्रों और गैर-अटल जल क्षेत्रों के परिदृश्यों की तुलना करने और यह आकलन करने की सलाह दी कि सामुदायिक जागरूकता प्राप्त करने में अटल जल कितना प्रभावी रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अटल जल प्रोत्साहन एक अनटाइड फंड है और इसका उपयोग लाइन विभागों की नियमित गतिविधियों के अलावा विभिन्न गतिविधियों के लिए किया जा सकता है और इसका उपयोग नवीन प्रौद्योगिकियों तथा गतिविधियों के कार्यान्वयन की दिशा में किया जाना चाहिए, जिन्हें सफलता के आधार पर मुख्यधारा में लाया जा सकता है।

समिति ने योजना की समग्र प्रगति की समीक्षा की और राज्यों को सलाह दी कि वे योजना के तहत उत्पन्न किए जा रहे विशाल डेटा का उपयोग उच्च अधिकारियों द्वारा सार्थक विश्लेषण और निर्णय लेने के लिए करें। एनएलएससी बैठक के बाद भाग लेने वाले राज्यों द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें उन्होंने क्रॉस लर्निंग और अन्य राज्यों द्वारा ली जा सकने वाली प्रमुख अंतर्दृष्टि के लिए अपने राज्य में योजना के प्रभावों को प्रदर्शित किया।

सभी सात राज्यों के विश्व बैंक समीक्षा मिशन के निष्कर्षों को भी विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर द्वारा प्रस्तुत किया गया। योजना के कार्यान्वयन और संबंधित चिंताओं के क्षेत्रों में अंतराल को सभी भाग लेने वाले राज्यों में समग्र सुधार और योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उजागर किया गया।

इस बैठक में सचिव, डीडीडब्ल्यूएस, भाग लेने वाले राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, एनएलएससी के सदस्य, विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों के प्रतिनिधि, विश्व बैंक और एनपीएमयू के अधिकारी शामिल हुए।

—————