पश्चिम सिंहभूम, 11 जुलाई ।  सारंडा के जंगलों में मासूम हाथियों की लगातार हो रही मौतों ने हर दिल को हिला दिया है। गुरुवार की रात घायल नन्ही हथिनी की मौत के बाद गांव में चूल्हे नहीं जले, लोग उपवास पर रहे। यह लगातार तीसरी मौत है, जिसने जंगल के सन्नाटे को और गहरा कर दिया है।

कभी हाथियों की मस्त चाल से गूंजने वाला सारंडा अब लगातार मासूम जानवरों की मौत का गवाह बनता जा रहा है। गुरुवार की सुबह सेरेंगसिया गांव में एक हाथी ने दम तोड़ा और रात होते-होते मनोहरपुर की घायल नन्ही हथिनी ने भी इलाज के दौरान तड़प-तड़प कर आखिरी सांस ली। यह वही हथिनी थी जो हाल ही में हुए आईईडी ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

लगातार तीसरी हाथी की मौत से अब गांववालों का सब्र टूटता जा रहा है। बताया जा रहा कि इस घटना से सेरेंगसिया और मनोहरपुर गांवों में चूल्हे नहीं जले। लोगों ने खाना तक नहीं खाया। हर आंख नम है, हर दिल भरा हुआ। उनकी बस एक ही प्रार्थना है हे भगवान, इन मासूमों को इंसानी क्रूरता से बचा ले।