कोलकाता, 11 मई । भारतीय चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आगामी चार चरणों के लोकसभा चुनावों में ”प्रारंभिक कार्रवाई फॉर्मूला” अपनाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक सूत्र ने इस ”प्रारंभिक कार्रवाई फॉर्मूले” को समझाते हुए शनिवार को कहा कि यह रणनीति बहुआयामी होगी।
सबसे पहले, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल मतदान शुरू होने के पहले घंटे से ही मतदान केंद्रों के दायरे में एक विशिष्ट क्षेत्र के भीतर राजनीतिक दलों के समर्थकों की अनावश्यक जमघट की अनुमति नहीं देगा।
सूत्र ने बताया, “यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए एक चेतावनी होगी जो चुनाव के समय किसी भी तरह से हालात बिगाड़ने का प्रयास करने के बारे में सोच रहे होंगे। आदतन अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
दूसरा, प्रभावशाली स्थानीय राजनेताओं की लगातार निगरानी की जाएगी ताकि वे मतदान केंद्रों के पास अपने सहयोगियों के साथ लंबे समय तक इकट्ठा न हो सकें। क्योंकि इससे क्षेत्र में विवाद और तनाव हो सकता है। इसे मतदान शुरू होने के पहले घंटे से ही लागू कर दिया जाएगा।
तीसरा, आदतन अपराधी जो पहली चेतावनी को गंभीरता से नहीं लेते, उन्हें दिन भर के लिए हिरासत में लिया जाएगा और मतदान बंद होने के समय से ठीक एक घंटे पहले रिहा कर दिया जाएगा ताकि वे अपना वोट डाल सकें। कानूनी प्रावधानों के अनुसार 24 घंटे तक की ऐसी निवारक हिरासत की अनुमति है।
सीईओ कार्यालय के अंदरूनी सूत्रों ने बताय कि ”प्रारंभिक कार्रवाई फॉर्मूला” की ये तीन परतें सात मई को चुनाव के तीसरे चरण में एक सीमित सीमा तक लागू थीं। उस दिन जंगीपुर और मुर्शिदाबाद में चुनाव के समय जब हिंसा बढ़ने लगी तो इस नियम को लागू किया गया था। सूत्रों ने कहा, “चौथे चरण से यही फॉर्मूला अधिक विस्तृत और सख्ती से लागू किया जाएगा।”