
कोलकाता, 6 अगस्त। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को झाड़ग्राम में आयोजित रैली से चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग “भाजपा का दास” बनकर काम कर रहा है और विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के नाम पर राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने की साजिश रची जा रही है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा राज्य के चार अधिकारियों को निलंबित किए जाने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश पर कड़ा विरोध जताया। निलंबित अधिकारियों में दो इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) और दो असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (एईआरओ) शामिल हैं। ममता ने सीधे तौर पर आयोग को चुनौती देते हुए इस आदेश को नहीं लागू करने की चेतावनी दी। उन्होंने सवाल उठाया कि किस अधिकार से राज्य के चार अधिकारियों को सस्पेंड किया गया?” उन्होंने स्पष्ट घोषणा की, मैं किसी अधिकारी को सस्पेंड नहीं करूंगी।
ममता बनर्जी ने भाजपा पर बंगाल की भाषा और संस्कृति पर ‘हमला’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में बंगाल के प्रवासी मजदूरों को “बांग्लादेशी” कहकर गिरफ्तार किया जा रहा है और उनके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। उन्होंने फिर से “भाषा आंदोलन” का आह्वान करते हुए झाड़ग्राम में रैली निकाला और लोगों से अपनी भाषा और पहचान की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग का इस्तेमाल सत्ता हासिल करने के लिए कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर के जरिए बंगाल के मतदाता सूची से नाम काटने की योजना बनाई जा रही है। ममता ने साफ चेतावनी दी, किसी का नाम मतदाता सूची से नहीं काटा जाएगा।
ममता बनर्जी ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को आश्वस्त करते हुए कहा, सरकारी अधिकारियों की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। हम अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को हर हाल में सुरक्षा देंगे। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों और पुलिस को डराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं होगा।