देहरादून, 14 नवम्बर ।  उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन के कारण आए मलवे में फंसे चालीस श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत कार्य लगातार तीसरे दिन भी जारी हैं। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को अपने आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्‍हें मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाकर रखने और किसी भी प्रकार की राहत सामग्री की आवश्यकता पड़ने पर शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। ।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन द्वारा सिल्क्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। राहत एवं बचाव के कार्य तेजी से चल रहे हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी ए.पी. अंशुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव जे.सी. काण्डपाल उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप निर्माणाधीन लगभग 4531 मी0 लम्बी सुरंग जिसका कि सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मी० तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मी0 निर्माण हो चुका है, में दिनांक 12 नवम्बर, 2023 की प्रातः 08:45 पर सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिरने के कारण 40 व्यक्ति फँस गये थे। कार्यदायी संस्था एन एच. आई.डी. सी. एल. द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार फँसे हुये व्यक्तियों में से 02 उत्तराखण्ड के 01 हिमाचल, 04 बिहार के 03 पश्चिम बंगाल के 08 उत्तर प्रदेश के, 05 उड़ीसा के, 15 झारखण्ड के एवं 02 असम के हैं।

सुरंग के अंदर कम्प्रेशर के माध्यम से निरन्तरता में ऑक्सीजन प्रवाहित की जा रही है और दबाव युक्त हवा के साथ भोजन सामग्री के छोटे-छोटे पैकेट भी फंसे हुये व्यक्तियों तक पहुँचाये जा रहे हैं। फँसे हुये व्यक्तियों के साथ वॉकी-टॉकी के माध्यम से बातचीत की जा रही है और प्राप्त सूचना के अनुसार सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं।

सम्बन्धित विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर एन.एच.ए.आई., आर. बी. एन.एल., एन. एच.सी.एल., एल एण्ड टी, टी.एच.डी.सी., बी.आर.ओ. एवं एन.एच.आई.डी.सी.एल. के स्तर से उपलब्ध करवाये गये तकनीकी एवं अन्य उपकरणों व संसाधनों के द्वारा सुरंग के अन्दर आये मलबे को युद्ध स्तर पर हटाये जाने का कार्य किया जा रहा है तथा साथ-साथ सुरंग की दीवार पर शॉर्ट क्रीटिंग का कार्य भी किया जा रहा है।

इसके साथ ही उपस्थित विशेषज्ञों के परामर्श पर फँसे हुये मजदूरों तक पहुँचने के लिये मलबा हटाकर सेटरिंग प्लेट लगा कर उन्हें निकालने के लिये सुरक्षित मार्ग तैयार करने के प्रयास किये जा रहे हैं, परन्तु सुरंग के ऊपरी भाग से आ रहे मलबे के कारण इस कार्य में बाधा पहुँच रही है।

फँसे हुये व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिये विशेषज्ञों ने 900 मि.मी. के एमएस स्टील पाइप्स को मलबे के आर-पार स्थापित किये जाने का परामर्श दिया गया है। वांछित संख्या में एमएस स्टील पाइप्स घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं, जिन्हें सुरंग के अंदर स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है और साथ ही एमएस स्टील पाइप्स की स्थापना हेतु सिंचाई विभाग के 05 विशेषज्ञ अभियन्ताओं का दल भी देहरादून से घटनास्थल पर पहुंच गया है। आर.बी.एन.एल. द्वारा भेजी गई आर०ओ०सी० मशीन घटना स्थल पर पहुंच चुकी है।

घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है, जहाँ पर वॉर्टिकल ड्रिल मशीन, हॉरिजोण्टल ड्रिल मशीन व शॉर्टक्रीट मशीन उपलब्ध हैं, साथ ही सुरंग के बाहर 03 पोकलैण्ड, 02 जेसीबी, 06 ट्रक, 01 हाईड्रा, 02 लोडर तैनात हैं तथा सुरंग के अन्दर 04 पोकलैण्ड, 03 शॉर्टक्रीटिंग मशीन 02 बूमर, 02 हाईड्रा व 02 ट्रक कार्य कर रहे हैं।

खोज-बचाव कार्यों हेतु पुलिस, एन.डी.आर.एफ., एस. डी. आर. एफ., आई.टी.बी.पी., सीमा सड़क संगठन, स्वास्थ्य विभाग व त्वरित कार्यवाही दल के सदस्यों सहित कुल 160 राहतकर्मी घटनास्थल पर तैनात किये गये हैं। त्वरित कार्यवाही के दृष्टिगत घटनास्थल से 05 कि.मी. की दूरी पर स्थापना के पास अस्थायी हेलीपेड का निर्माण किया गया है तथा चिन्यालीसौड़ हैलीपेड को भी राहत कार्यों हेतु चिह्नित किया गया है।

सुरंग में फँसे हुये व्यक्तियों के परिजनों की सुविधा तथा उनकी आशकाओं के निवारण एवं उन्हें स्थिति की सही जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जनपद प्रशासन के द्वारा इस घटना विशेष के लिये हेल्पलाइन की व्यवस्था की गयी है।

सुरंग से व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के उपरान्त उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीमें विशेषज्ञ व उचित औषधि उपकरण, एम्बुलेंस सहित टनल गेट पर तैनात की गयी है। किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्यवाही हेतु निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालयों के साथ ही एम्स ऋषिकेश को हाई एलर्ट पर रखा गया है तथा ऑक्सीजन की निर्वाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया गया है।