पटना, 19 जून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने गुरुवार को 2024 के नीट-यूजी पेपर लीक मामले और बिहार बिहार कांस्टेबल भर्ती घोटाले के सिलसिले में देशभर के 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ईडी के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की।

नीट पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने की एक टीम ने बिहार के नालंदा के नगरनौसा में संजीव मुखिया के बलवा गांव में डॉ शिव कुमार और गोसाईमठ निवासी संदीप कुमार के घर छापेमारी कर तलाशी ली। पूरे मामले में नालंदा के संजीव मुखिया, उसका पुत्र और उसके गैंग का नाम सामने आया है।

प्रवर्तन निदेशालय की टीम जब नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र में एक आरोपित के घर छापेमारी करने पहुंची तो वहां लोगों ने हंगामा किया। सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान घर के एक सदस्य ने ईडी अधिकारी का मोबाइल फोन छीन लिया। हालांकि नगरनौसा थानाध्यक्ष शशि रंजन मिश्रा ने मोबाइल छीनने की बात से इंकार किया है।

प्रवर्तन निदेशालय ने इसके साथ ही बिहार कांस्टेबल भर्ती घोटाले के सिलसिले में देशभर के 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है। ईडी अधिकारी के अनुसार यह कार्रवाई दिल्ली ईडी टीम की अगुवाई में की जा रही है जिसमें पटना, नालंदा, रांची, लखनऊ और कोलकाता समेत कई शहर शामिल हैं।

ईडी की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि इस भर्ती घोटाले के पीछे वही मास्टरमाइंड हैं जो 2024 के चर्चित नीट-यूजी पेपर लीक कांड में शामिल थे।

ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है। शुरुआती जांच में पाया गया है कि नीट-यूजी और बिहार कॉस्टेबल भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड एक ही हैं। नीट यूजी पेपर लीक कांड का मुख्य आरोपित संजीव मुखिया पुलिस गिरफ्त में है जबकि उसका बेटा डॉ शिव कुमार जो हाल ही में जेल से छूटकर बाहर आया है। वह अपनी मां ममता सिन्हा के चुनाव प्रचार में सक्रिय है। ममता सिन्हा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में हरनौत सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

कौन है संजीव मुखिया-

नालंदा जिले के नागरगौसा प्रखंड के नगरनौसा गांव का रहने वाले संजीव मुखिया को गांव वाले लूटन मुखिया के नाम से भी जानते हैं। उसके पिता जनक किशोर प्रसाद किसान हैं। संजीव मुखिया नालंदा के नूरसराय स्थित उद्यान महाविद्यालय में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत है। नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में नाम सामने आने के बाद संजीव मुखिया अपने ऑफिस में बीमार होने का आवेदन देकर फरार हो गया था।

थर्ड ग्रेड की नौकरी करने वाला संजीव मुखिया अकूत संपत्ति का मालिक है। आर्थिक अपराधिकारी की जांच में पता चला है कि आय से 144 प्रतिशत अधिक संपत्ति उनके पास है, जो 1.75 करोड़ की है। कई मामलों में सीबीआई और ईडी उसके संपत्ति की जांच कर रही है। उसकी पत्नी ममता देवी ने 2020 में लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर हरनौत सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ी थीं। हालांकि उसे हार का मुंह देखना पड़ा था।