
रामगढ़, 4 जुलाई । बड़का गांव विधानसभा की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के घर ईडी की छापेमारी खत्म हो चुकी है। ईडी को वहां से कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है।
यह दावा पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने किया है। उन्होंने ईडी की छापेमारी के दौरान एक ट्वीट किया और कहा कि उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के ओबीसी विभाग की एडवाइजरी काउंसिल में वरिष्ठतम नेताओं के साथ जगह मिली है। बिहार इलेक्शन में भी उन्हें पार्टी ने बड़ा दायित्व दिया है। बंगाल में भी उन्होंने कई राजनीतिक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाई। यह सब देखकर विपक्षियों की हालत खराब हो रही है। दबाव बनाने के लिए ईडी से छापेमारी कराई गई।
पिछली बार भी जब छापेमारी हुई थी तब चुनाव का वक्त था। उस समय भी ईडी को कुछ नहीं मिला। वर्तमान समय में भी बैरन ही लौटे हैं। अंबा प्रसाद ने यह भी कहा कि ईडी की छापेमारी तो मात्र 1 घंटे तक चली। 5 घंटे वे सिर्फ बैठकर इंतजार करते रहे। 6 घंटे के बाद वे लोग खुद ही वापस चले गए।
केरेडारी में योगेंद्र साहू ने रोका एनटीपीसी का काम
पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साहू कांग्रेस पार्टी के एक कद्दावर नेता हैं। बड़कागांव में एनटीपीसी का प्रोजेक्ट जब से शुरू हुआ है तब से उनपर दबाव बनाया जाता रहा है। भाजपा की सरकार जब झारखंड में थी, तब योगेंद्र साहू को जिला बदर तक कर दिया गया था। लेकिन वर्तमान समय में एनटीपीसी गलत तरीके से लोगों की जमीन हड़पने का काम कर रही है। एनटीपीसी प्रबंधन प्लांट क्षेत्र का विस्तार करते हुए केरेडारी के उस एरिया में पहुंच गई हैं जहां जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया है। वे लोग ग्रामीणों की जमीन पर हड़पना चाहते हैं। उस इलाके में योगेंद्र साहू की जमीन पड़ती है। जिसकी वजह से उनका विरोध खुलकर सामने आ गया है। उन्होंने साफ कहा है कि जब तक एनटीपीसी भूमि अधिग्रहण का गजट सार्वजनिक रूप से उन्हें नहीं दिखती है, उस क्षेत्र में कंपनी को काम करने नहीं देंगे। पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने संदेह जाहिर किया है कि शायद कंपनी के काम को लेकर ही केंद्र सरकार एक बार फिर उनके परिवार पर दबाव बनाना चाहती है। यही वजह है कि ईडी की टीम को उनके घर में भेजा गया है।
आरकेटीसी कंपनी से नहीं है मेरा और मेरे भाई का कोई संबंध
पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि आरकेटीसी कंपनी के साथ मेरा और मेरे परिवार का नाम जोड़ा जा रहा है। लेकिन यह सारी बातें भ्रामक और तथ्य से परे है। इस कंपनी से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जहां तक बात संजीव साहू, मनोज दांगी और पंचम का है, उन लोगों से भी उन्हें चुनाव में धोखा ही मिला है। उन लोगों से उनकी कोई बात भी नहीं होती।