कोलकाता, 05 नवंबर । कोलकाता के विश्व बांग्ला मिलन मेला में मंगलवार को ईस्ट टेक 2024 का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। यहां देशी तकनीक के माध्यम से सैन्य उत्कृष्टता में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदमों पर जोर दिया गया। इस समारोह का उद्घाटन पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री अरूप बिस्वास ने किया। उन्होंने फीता काटकर मेले का शुभारंभ किया और विभिन्न प्रदर्शनी स्टॉल का दौरा किया।
इस कार्यक्रम में भारतीय सेना के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी इन सी) लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि पूर्वी कमान विभिन्न चुनौतियों का सामना कर देश की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। हमारे सैनिकों के लिए आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हथियार और उपकरण आवश्यक हैं। इस मेले में 140 से अधिक रक्षा निर्माता कंपनियां अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं, जो सेना की आवश्यकताओं के अनुसार सामग्री तैयार करने में सहायता करेंगी।
जनरल तिवारी ने यह भी बताया कि रक्षा निर्माण क्षेत्र में बंगाल के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) अच्छा कार्य कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ड्रोन तकनीक पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो ऊंचाई पर निगरानी करने में सक्षम हैं। ड्रोन और अन्य रक्षा उपकरणों के विकास के लिए 200 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
अरूप बिस्वास ने अपने संबोधन में भारतीय सेना के साहस के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि काशीपुर गन एंड शेल फैक्ट्री जैसी संस्थाएं लंबे समय से रक्षा क्षेत्र में अहम योगदान दे रही हैं। रक्षा निर्माण से न केवल आर्थिक स्थिरता आएगी बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. श्रीकांत ने बताया कि ड्रोन युद्ध आज रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। इसके लिए प्रभावी प्रतिरोध उपायों की आवश्यकता है। रक्षा मंत्रालय द्वारा आवंटित 400 करोड़ रुपये का यह बजट लॉजिस्टिक और हथियार विकास के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।