नई दिल्ली, 16 जुलाई। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन एनेक्सी में “भारत के लिए ई-मोबिलिटी आरएंडडी रोडमैप” रिपोर्ट जारी की।

आरएंडडी रोडमैप को वैश्विक ऑटोमोटिव क्षेत्र के विस्तार को समझकर और भविष्य की तकनीकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया है। इसमें अनुसंधान को चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों ऊर्जा भंडारण सेल, ईवी एग्रीगेट्स, सामग्री व रिसाइकिल, चार्जिंग व ईंधन भरना में वर्गीकृत किया गया है। साथ ही अगले पांच वर्षों में आत्मनिर्भर बनकर वैश्विक नेतृत्व करने के लिए मार्ग प्रदान करता है।

अपने उद्घाटन भाषण में प्रो. सूद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का लक्ष्य 2030 तक उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कमी और 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है ताकि 2070 तक नेट जीरो हासिल किया जा सके। इस दृष्टिकोण के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाना, स्वदेशी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों का निर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करना आवश्यक होगा।

प्रो. सूद ने कहा कि वर्तमान में ई-मोबिलिटी वैल्यू चेन आयात पर बहुत अधिक निर्भर करती है। उन्होंने ई-मोबिलिटी वैल्यू चेन के भीतर आयात पर हमारी निर्भरता को कम करने और ऑटोमोटिव क्षेत्र में घरेलू अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

हाइब्रिड मोड में आयोजित आधिकारिक शुभारंभ कार्यक्रम में सरकारी अधिकारियों, ई-मोबिलिटी (सीजीईएम) पर सलाहकार समूह के सदस्यों, उद्योग और थिंक टैंक के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), पुणे के महानिदेशक डॉ. रेजी मथाई, नॉन-फेरस मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर (एनएफटीडीसी), हैदराबाद के निदेशक डॉ. के. बालासुब्रमण्यम सहित अन्य ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।