कोलकाता, 21 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा राजनीतिक दलों के लिए जनसंपर्क का भी जरिया बनती जा रही है। सूबे में इन दिनों दुर्गा पूजा की धूम है, वहीं प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी इस अवसर का उपयोग 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए करने में लगे हैं। दोनों दल जनता से संपर्क साधने के लिए जुटे हैं।
दोनों ही दल इस वार्षिक पूजा समारोह को लोगों तक पहुंचने के लिए अवसर के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने अपने संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए व्यापक रणनीतियां तैयार की हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल ने कई सामुदायिक पूजा के लिए अनुदान की घोषणा की है। तृणमूल ने जनता से जुड़ाव के लिए विभिन्न पूजा पंडालों में बुक स्टॉल, स्वास्थ्य शिविर स्थापित करने जैसे कदम भी उठाए हैं।
दूसरी ओर भाजपा ने इस बार राज्य में कई सामुदायिक पूजा का उद्घाटन करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित कई वरिष्ठ नेताओं को उतारा। भाजपा नेता सजल घोष अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर की प्रतिकृति संतोष मित्रा चौराहा पूजा समिति के पूजास्थल पर लेकर आए। गृह मंत्री शाह ने पिछले हफ्ते इसका उद्घाटन किया था।
तृणमूल नेता सौगत रॉय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा सिर्फ त्योहार ही नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव है, जिसे राजनीतिक और धार्मिक सीमाओं से परे हर कोई मनाता है। उन्होंने कहा कि इस त्योहार का उपयोग अपनी पार्टी के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचने के साधन के रूप में किया जाता है।