नयी दिल्ली 29 नवम्बर। सरकार ने केन्द्र सरकार की योजना के तहत शुरू किये गये फास्ट ट्रैक विशेष कोर्ट के कार्य करने की अवधि तीन वर्ष तक बढा दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ये विशेष कोर्ट 31 मार्च 2026 तक कार्य करेंगे। इसके लिए केन्द्र सकरार 1952.23 करोड़ रूपये और राज्य सरकारें 1207.24 करोड़ रुपये देंगी। केंद्रीय अंश निर्भया फंड से वित्त पोषित किया जाता है। यह योजना दो अक्टूबर 2019 को शुरू की गई थी।
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की पहली प्राथमिकता है और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम जैसी कई पहलों से यह स्पष्ट है। इन विशेष कोर्टों का गठन बच्चियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं के बाद मुकदमों में लगने वाले लंबे समय को देखते हुए किया गया था। इससे इस तरह के मामलों की सुनवाई और मामलों के निपटारे में तेजी आयी है। केंद्र सरकार ने “आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2018” लागू किया है जिसमें बलात्कार करने वाले अपराधियों के लिए मौत की सजा सहित कड़ी सजा का प्रावधान है। इसी के तहत इन विशेष कोर्ट का भी गठन किया गया है।