
कोलकाता, 28 अगस्त । लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि उनकी पार्टी के सांसदों के विरोध प्रदर्शन के चलते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संसद में 130वें संविधान संशोधन विधेयक को पहली पंक्ति की बजाय चौथी पंक्ति से पेश करना पड़ा।
तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “वे आधी रात में संविधान बदलने का बिल लाए थे, सोच रहे थे आसानी से पास हो जाएगा। देश को अपनी जागीर समझ बैठे थे। लेकिन हमारे 28 सांसद संसद के वेल में उतरकर विरोध में खड़े हुए और अमित शाह को मजबूरन चौथी पंक्ति से विधेयक पेश करना पड़ा। यही तृणमूल की ताकत है।”
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव ने केंद्र सरकार पर मतदाता सूची में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले लोग सरकार चुनते थे, लेकिन अब भाजपा मतदाता चुन रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बंगाल के एक भी वैध मतदाता का नाम हटाया गया तो तृणमूल दिल्ली की सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।
अभिषेक बनर्जी ने भरोसा जताया कि 2026 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस 2021 से भी ज्यादा सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा, भाजपा बंगाल में लोकतांत्रिक तरीके से नहीं जीत सकती। मैं चुनौती देता हूं कि इस बार भाजपा 50 सीटें भी पार नहीं कर पाएगी।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित अपराजिता विधेयक को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी न दिए जाने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। उन्हाेंने कहा कि यह भाजपा की दोहरी नीति को उजागर करता है। यह विधेयक सितंबर, 2024 में पारित हुआ था और इसमें दुष्कर्म की पांच गंभीर श्रेणियों में फांसी की सजा का प्रावधान है। हालांकि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हाल ही में इसे पुनर्विचार के लिए लौटा दिया है।
कार्यक्रम में अभिषेक बनर्जी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने 24 घंटे में कार्रवाई की थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीबीआई अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि विरोध का उद्देश्य बंगाल की स्वास्थ्य व्यवस्था को बदनाम करना था। ————————-