वॉटर कैनन सलामी के साथ हेलीकॉप्टर की पहली स्क्वाड्रन हवाई बेड़े में शामिल
नौसेना प्रमुख ने चालक दल से देश के जल को सुरक्षित रखने का आग्रह किया
नई दिल्ली, 06 मार्च। भारतीय नौसेना ने बुधवार को पारंपरिक वॉटर कैनन सलामी के साथ कोच्चि के आईएनएस गरुड़ पर अमेरिकी एमएच-60आर सीहॉक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर की पहली स्क्वाड्रन को औपचारिक रूप से हवाई बेड़े में शामिल किया। इस सीहॉक्स स्क्वाड्रन को आईएनएएस 334 के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। भविष्य में भारतीय नौसेना की आंख, कान बनकर यह रोमियो हेलीकॉप्टर लंबी दूरी तक अपने दुश्मन का सफाया करने में सक्षम होंगे। साथ ही इससे भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की समुद्री युद्धक क्षमता और मजबूत होगी।
समारोह को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने एमएच 60आर हेलीकॉप्टर को दुनिया के शक्तिशाली बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टरों में से एक बताया, जो देश की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के साथ ही राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करेगा। उन्होंने कहा कि अपने अत्याधुनिक सेंसरों और मल्टी-मिशन क्षमताओं के साथ एमएच 60आर हमारी समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाएगा। उन्होंने आईएनएएस 334 के चालक दल से उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने और देश के जल को सुरक्षित, संरक्षित और स्थिर रखने के लिए मिशन के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।
भारतीय नौसेना ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 24 हेलीकॉप्टर 2.6 अरब डॉलर के उस सौदे के तहत खरीदे हैं, जो फरवरी, 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय हुई थी। सौदे के तहत अब तक छह एमएच-60आर सीहॉक भारत आ चुके हैं। ‘खूंखार शिकारी’ के रूप में एमएच 60आर हेलीकॉप्टर भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ावा देने के साथ आईओआर में भारतीय नौसेना की समुद्री उपस्थिति को मजबूत करेंगे। उन्नत हथियार, सेंसर और एवियोनिक्स सूट से लैस सीहॉक भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा जरूरतों के लिहाज से बनाया गया है, जो पारंपरिक और असममित दोनों खतरों के लिए उन्नत क्षमताएं प्रदान करते हैं।
अमेरिकी नौसेना के साथ हुए अनुबंध के तहत सभी 24 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति 2025 तक पूरी हो जाएगी। अत्याधुनिक मिशन सक्षम प्लेटफार्मों को शामिल करने से भारतीय नौसेना की विभिन्न एएसडब्ल्यू क्षमता को काफी बढ़ावा मिलेगा। मल्टी रोल एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर मिलने से भारत को सतह-विरोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध अभियानों को अंजाम देने की क्षमता मिलेगी। साथ ही भारतीय नौसेना की त्रि-आयामी क्षमताओं में वृद्धि होगी। भारत अपनी बढ़ी हुई क्षमता का उपयोग क्षेत्रीय खतरों से निपटने और अपनी मातृभूमि की रक्षा को मजबूत करने के लिए करेगा। एमएच 60आर हेलीकॉप्टर भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ावा देने के साथ नौसेना की परिचालन पहुंच का विस्तार करेगा और विशाल समुद्री डोमेन में निरंतर नौसैनिक संचालन का समर्थन करेगा।
बहुउद्देश्यीय अमेरिकी समुद्री हेलीकॉप्टर एमएच-60आर को पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह रोधी युद्ध, खोज और बचाव, चिकित्सा निकासी के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस हेलीकॉप्टर में नाइट विजन उपकरण, हेलिफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट लगे हैं। रोमियो हेलीकॉप्टर में लगे राडार और सेंसर न केवल पानी के अंदर, बल्कि पनडुब्बियों की पहचान करके समय रहते उनका शिकार भी कर सकेंगे। इस खूंखार शिकारी से हरेक पनडुब्बी का कैप्टन डरता है। यह हेलीकॉप्टर कई अलग-अलग तरह के हथियारों से लैस हो सकता है, क्योंकि इसमें हथियारों को लगाने के लिए चार प्वाइंट्स दिए गए हैं। सुरक्षा के लिए इसमें 7.62 एमएम की मशीन गन को भी लगाया जा सकता है।