कोलकाता, 11 अगस्‍त। साहित्यकार डॉ.प्रेम शंकर त्रिपाठी ने शनिवार शाम कोलकाता से प्रकाशित पत्रिका’शब्दाक्षर के जुलाई-सितम्बर त्रैमासिक अंक का आभासी लोकार्पण किया। ‘शब्दाक्षर’ संस्था के कई राज्‍यों के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया।

पत्रिका के प्रधान संपादक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने बताया कि 4 वर्ष से प्रकाशित हो रही इस पत्रिका का प्रसारण क्षेत्र लगभग संपूर्ण भारत है। पत्रिका के संपादक डॉ. आदर्श प्रकाश ने कहा कि, शब्दाक्षर संस्था व शब्दाक्षर पत्रिका के संरक्षक डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने प्रस्तुत अंक में क्रांतिकारी चंद्रशेखर ‘आजाद’ पर जो आलेख लिखा है,वो संजो कर रखने वाला है। सह संपादक सत्येंद्र सिंह ने उपस्थित पदाधिकारियों को पत्रिका में प्रकाशन हेतु स्तरीय रचनाएँ भेजने के लिए आभार जताया। पत्रिका की उप संपादक अनामिका सिंह ने पत्रिका में प्रूफ की गलतियां न होने के लिए संयुक्त सम्पादक सुमन सुरभि की सराहना की।

पत्रिका’ के लोकार्पण वक्तव्य में डॉ.प्रेमशंकर त्रिपाठी ने इस बात पर हर्ष जताया कि ‘शब्दाक्षर पत्रिका’ का यह लगातार 15वां अंक है। डॉ.त्रिपाठी ने कहा कि, शुरुआत में पत्रिका के प्रधान संपादक ने जब मुझसे पत्रिका के प्रारूप पर चर्चा की तो मैंने उन्हें मासिक पत्रिका के निर्णय को बदल कर पत्रिका को त्रैमासिक करने का परामर्श दिया था, जिससे प्रकाशन की हड़बड़ी में पत्रिका को सामग्री स्तर से समझौता न करना पड़े।

डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि पत्रिका में युवा रचनाकारों को स्थान देकर हमें कल के उत्कृष्ट साहित्यकारों का बीजारोपण करने की भूमिका निभानी चाहिए। डॉ. त्रिपाठी ने तुलसी जयंती की पूर्व संध्या पर पत्रिका लोकार्पण करने का निर्णय लेने के लिए रवि प्रताप सिंह की सराहना की।

कार्यक्रम को संचालन पत्रिका की उप सम्पादक अनामिका सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन सीमा त्रिवेदी ‘असीमित’ ने किया।

दूसरा सत्र काव्य सत्र के रूप में आयोजित हुआ। काव्य सत्र की श्यामल मजूमदार ने की। काव्य पाठ करने वालों में चड़ीगढ़ से रंजन तेजी, महाराष्ट्र से डॉ. कनकलता तिवारी, लखीमपुर खीरी से शशिकांत मिश्र ‘शशि’, हरियाणा से बलवान सिंह ‘मानव’, आजमगढ़ से डॉ.अंकुर सहाय अंकुर, वनीता झारखंडी, बिलासपुर से कामना पाण्डेय व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी निशान्त सिंह ‘गुलशन’ शामिल थे।