रांची, 24 जून । झारखंड की बेटी डॉ पार्वती तिर्की को उनकी कविता संग्रह फिर उगना के लिए वर्ष 2025 का साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार प्रदान किया गया है। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मंगलवार को रांची में उनसे मुलाकात कर बधाई दी। उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल में कहा है कि डॉ पार्वती तिर्की को मिला यह सम्मान न केवल साहित्यिक क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धि को दर्शाता है, बल्कि आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठा भी दिलाता है।

उनकी यह उपलब्धि राज्य के लिए गर्व की बात है और उम्मीद की जाती है कि वे साहित्यिक दुनिया में आदिवासियत की मजबूत आवाज बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि डॉ तिर्की की रचनाएं आदिवासी जीवन, संघर्ष, प्रकृति और अस्मिता को गहराई से उकेरती हैं। उनकी लेखनी में अपनी जड़ों से जुड़ाव, सामाजिक संदेश और सांस्कृतिक चेतना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। कविता ‘फिर उगना’ पुनर्जागरण, उम्मीद और पहचान की गूंज है। मंत्री ने बताया कि डॉ तिर्की से हुई भेंट में यह अनुभव हुआ कि वह साहित्य को समाज के परिवर्तन का माध्यम मानती हैं। उनकी यह उपलब्धि युवा पीढ़ी को अपनी परंपरा, भाषा और संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा देती है।