न्यूयॉर्क, 29 सितंबर । भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दा सिर्फ पीओके है। हमारे बीच हल होने वाला मुद्दा केवल ये है कि पाकिस्तान के कश्मीर पर अवैध कब्जे को खाली करना है। उन्होंने पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि यह उसके ‘कर्मों का फल’ है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए शनिवार को विदेश मंत्री ने कहा कि “कल इसी मंच से कुछ अजीब बातें सुनीं। जबकि भारत की स्थिति बिल्कुल साफ है कि पाकिस्तान की सीमापार आतंकवाद की नीति कभी कामयाब नहीं होगी। हर काम के परिणाम जरूर होंगे। हमारे बीच सिर्फ इस मुद्दे को हल किया जाना बचा है कि पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करे।”
एकदिन पूर्व इसी मंच से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कश्मीर का जिक्र किया था। जिसके जवाब में जयशंकर ने कहा कि, कई देश अपने नियंत्रण से बाहर परिस्थितियों की वजह से पीछे छूट जाते हैं, लेकिन कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं। इसका बेहतरीन उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है।
उन्होंने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि वो उसके ‘कर्मों का फल’ है। उसकी जीडीपी को केवल कट्टरता और आतंकवाद के रूप में इसके निर्यात के तौर पर ही मापी जा सकती है। आज हम देखते हैं कि दूसरों पर जो बुराइयाँ लादने की कोशिश की गई, वे उसके अपने समाज को निगल रही हैं। इसके लिए दुनिया को दोष नहीं दिया जा सकता। यह केवल कर्म है।