पूर्वी सिंहभूम, 22 अगस्त । साकची थाना क्षेेत्र के डॉ अभिषेक शिशु अस्पताल के चिकित्सक डॉ अभिषेक पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को दी गई शिकायत में सागर तिवारी नामक अभिभावक ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने न केवल चिकित्सीय लापरवाही की बल्कि उन पर झूठा मुक़दमा दर्ज कराकर उन्हें फंसाने की भी कोशिश की।

शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्होंने 29 जुलाई को अपने नवजात शिशु को अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में बच्चे पर कई प्रकार की जांचें कराई गईं, लेकिन जब अगले दिन उन्होंने बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी लेनी चाही तो डॉक्टर मुलाकात से बचते रहे। काफी अनुरोध के बाद जब डॉक्टर से मुलाकात हुई तो बिना रिपोर्ट पढ़े ही उन्होंने बच्चे के खून में संक्रमण की बात कहते हुए तीन दिन और अस्पताल में रखने की सलाह दी। इस पर परिजनों ने अस्पताल से छुट्टी लेकर बच्चे को घर ले आया।

इसके बाद, शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लगभग एक सप्ताह बाद डॉ अभिषेक ने साकची थाना में उनके खिलाफ दो लाख रुपये रंगदारी मांगने का मामला दर्ज करा दिया। शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया कि जिस समय मेरी बेटी अस्पताल में भर्ती थी, उस समय मैं डॉक्टर के कमरे में रंगदारी कैसे मांग सकता हूं।

यह भी आरोप लगाया गया है कि डॉ अभिषेक के अस्पताल में बच्चों की मृत्यु दर असामान्य रूप से अधिक है, जिससे चिकित्सीय लापरवाही का अंदेशा मजबूत होता है। साथ ही, डॉक्टर पर आयुष्मान भारत योजना का दुरुपयोग करने और मरीजों से अतिरिक्त नकद राशि वसूलने का भी आरोप लगाया गया है।

शिकायत में कहा गया है कि अस्पताल में बाउंसर रखे गए हैं, जो गुंडों की तरह अभिभावकों को बच्चों की स्थिति जानने या डॉक्टर से मिलने से रोकते हैं। इससे अभिभावकों में भय और असुरक्षा का माहौल बनता है और वे दूसरी राय लेने से भी वंचित रह जाते हैं।

शिकायतकर्ता ने मेडिकल रिपोर्ट्स और भुगतान की रसीदें जैसे दस्तावेज़ उपायुक्त को सौंपते हुए मामले की निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

गौरतलब है कि यह पहला मामला नहीं है। दरोगा मनोज शर्मा ने भी डॉ अभिषेक के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ न देने और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।