कोलकाता, 17 अगस्त। डाक्टरों की हड़ताल के चलते पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी असर पड़ा है। शनिवार को सीनियर डॉक्टरों ने भी अपने जूनियर सहयोगियों के साथ देते हुए काम बंद कर दिया और आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सहकर्मी के बलात्कार और हत्या के खिलाफ न्याय की मांग की।
राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाएं प्रभावित रहीं क्योंकि डॉक्टरों ने 14 अगस्त को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने कहा, “हमारा आंदोलन जारी रहेगा। यह हमारी मांगों को पूरा कराने का एकमात्र तरीका है। जब पुलिस मौजूद होती है तब भी लोग अस्पताल में घुसकर हम पर हमला कैसे कर सकते हैं? हम तोड़फोड़ के पीछे की वास्तविक मंशा को समझ सकते हैं।”
राज्य के एसएसकेएम अस्पताल, शंभुनाथ पंडित अस्पताल और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में गैर-जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं इस आंदोलन के कारण ठप हो गईं। राज्य के निजी स्वास्थ्य सुविधाओं का भी यही हाल रहा।
पिछले सप्ताह आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी के दौरान एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित रूप से बलात्कार और हत्या की गई थी, जिसके बाद से डॉक्टरों में आक्रोश है।