कोलकाता, 16 सितंबर। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने सोमवार को जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे एक “नाटक” और “राजनीतिक रूप से प्रेरित घटना” बताया, जिसका उद्देश्य तृणमूल कांग्रेस सरकार को बदनाम करना है।
इस बीच, विरोध कर रहे डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ भवन के बाहर अपना धरना आठवें दिन भी जारी रखा और उनके ‘काम बंद’ आंदोलन का आज 36वां दिन था। वे आरजी कर अस्पताल में हुए एक चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।
डॉक्टरों ने अपनी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखने की कसम खाई है, जिसमें कोलकाता पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने की मांग शामिल है।
मंत्री चौधरी ने कहा, “जूनियर डॉक्टरों को अब इस नाटक को बंद कर देना चाहिए। यह बहुत समय से चल रहा है और अब हद पार कर चुका है। स्पष्ट है कि अब राजनीतिक स्वार्थ इस आंदोलन को निर्देशित कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि कुछ जूनियर डॉक्टर लाइव-स्ट्रीमिंग की मांग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सरकार पर भरोसा नहीं है। फिर भी, वे बिना काम किए सरकार से वेतन ले रहे हैं। उन्हें पदोन्नति के समय सरकार पर भरोसा होता है, लेकिन बातचीत के समय नहीं? यह हास्यास्पद है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को ‘पांचवीं और अंतिम बार’ विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया। इससे पहले, दो दिन पहले हुई चर्चा लाइव-स्ट्रीमिंग के मुद्दे पर असहमति के कारण विफल हो गई थी।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को भेजे गए ईमेल में मुख्य सचिव मनोज पंत ने उन्हें सोमवार शाम पांच बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट आवास पर वार्ता के लिए आने को कहा है।