कोलकाता, 8 जुलाई ।

कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार और स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से संबंधित सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देने की अनुमति दे दी है। यह आदेश वर्ष 2016 की भर्ती प्रक्रिया में शामिल भ्रष्ट अभ्यर्थियों को इस वर्ष की नई चयन प्रक्रिया से बाहर रखने को लेकर दिया गया था।

सोमवार को जस्टिस सौगत भट्टाचार्य की सिंगल बेंच ने डब्ल्यूबीएसएससी को निर्देश दिया था कि 2016 की प्रक्रिया में दोषी पाए गए उम्मीदवारों को 30 मई की नई भर्ती अधिसूचना के तहत आवेदन करने से रोका जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि ऐसे किसी उम्मीदवार ने आवेदन किया है, तो उसकी उम्मीदवारी स्वतः निरस्त मानी जाएगी। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 अप्रैल को तय समयसीमा का कड़ाई से पालन करते हुए भर्ती प्रक्रिया को तर्कसंगत निष्कर्ष तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 17 अप्रैल के आदेश में राज्य के सहायता प्राप्त स्कूलों में करीब 26 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षकीय कर्मियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था, क्योंकि चयन प्रक्रिया को संदिग्ध पाया गया था।

इस आदेश के तुरंत बाद डब्ल्यूबीएसएससी के वकील ने दोषी उम्मीदवारों को नई भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने संबंधी हिस्से पर रोक लगाने की अपील की थी, जिसे जस्टिस भट्टाचार्य ने खारिज कर दिया।

मंगलवार को डिवीजन बेंच, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस सौमेन सेन कर रहे थे, ने राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी को इस आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने की अनुमति प्रदान की। दोनों पक्षों ने शीघ्र सुनवाई की भी मांग की है।

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने 30 मई की अधिसूचना के माध्यम से प्रारंभ की गई नियुक्ति प्रक्रिया को भी सिंगल बेंच में चुनौती दी थी, जो उच्च प्राथमिक स्तर और कक्षा नौ से 12 तक के सहायक शिक्षकों की नियुक्तियों से संबंधित है।